Android कंपनियों को देना होगा 5 साल तक अपडेट, नए नियम से भारतीयों को भी फायदा?
Android कंपनियों को देना होगा 5 साल तक अपडेट, नए नियम से भारतीयों को भी फायदा?
अभी तक सिर्फ Google और कुछ टॉप ब्रांड्स जैसे Samsung और Motorola ही प्रीमियम फोन के लिए लंबे अपडेट वादे करते रहे हैं।
Written by नितेश पपनोई,
अपडेटेड: 7 जून 2025 09:25 IST
Photo Credit: OnePlus
स्मार्टफोन्स की लाइफ बढ़ाने और ई-वेस्ट को कम करने के लिए बनाए हैं ये नियम
ख़ास बातें
यूरोपीय यूनियन ने स्मार्टफोन कंपनियों के लिए नए नियम बनाए
5 साल तक सिक्योरिटी और 3 साल तक OS अपडेट अनिवार्य किया
नियम 20 जून से लागू होंगे, सभी डिवाइस पर एनर्जी और टिकाऊपन का लेबल जरूरी
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अगर आप उन यूजर्स में से हैं जो फोन लेने के बाद दो-तीन साल में अपडेट बंद हो जाने से परेशान रहते हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है। यूरोपीय यूनियन (EU) ने स्मार्टफोन्स और टैबलेट्स को लेकर एक नया सख्त नियम तैयार किया है, जिसके तहत कंपनियों को कम से कम 5 साल तक सिक्योरिटी अपडेट्स और 3 साल तक ऑपरेटिंग सिस्टम अपडेट्स देने होंगे। यह नियम 20 जून 2025 से EU में लागू हो जाएगा और इसका असर बाकी दुनिया, खासकर भारत जैसे बड़े बाजारों में भी दिख सकता है।
EU की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, नए इकोडिजाइन और एनर्जी लेबलिंग नियम स्मार्टफोन्स की लाइफ बढ़ाने और ई-वेस्ट को कम करने के लिए बनाए गए हैं। इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि कंपनियों को अपने डिवाइसेज इस तरह डिजाइन करने होंगे कि वो ज्यादा टिकाऊ और आसानी से रिपेयर होने लायक हों। इसके साथ ही हर डिवाइस को एनर्जी एफिशिएंसी, बैटरी परफॉर्मेंस और रिपेयरबिलिटी के आधार पर एक लेबल दिया जाएगा, ताकि यूजर्स खरीदते समय पूरी जानकारी के साथ फैसला ले सकें।
Android Police की एक रिपोर्ट में भी कहा गया है कि यह बदलाव स्मार्टफोन इंडस्ट्री के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है। अभी तक सिर्फ Google और कुछ टॉप ब्रांड्स जैसे Samsung और Motorola ही प्रीमियम मॉडल्स के लिए लंबे अपडेट वादे करते रहे हैं। लेकिन अब EU की वजह से मिड-रेंज और बजट सेगमेंट वाले डिवाइसेज में भी लंबी अपडेट पॉलिसी देखने को मिल सकती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कंपनियां पूरे ग्लोबल पोर्टफोलियो के लिए एक जैसी पॉलिसी अपनाना पसंद करती हैं, इसलिए इन नियमों का फायदा भारत जैसे देशों में भी मिल सकता है।
भारत में पिछले साल USB-C चार्जिंग को लेकर भी ऐसा ही असर दिख चुका है। EU के आदेश के बाद Apple ने iPhone 15 सीरीज में टाइप-C पोर्ट देना शुरू किया, जो सीधे तौर पर भारत जैसे बाजारों के लिए भी फायदेमंद रहा। अब उम्मीद की जा रही है कि इसी तरह 5 साल तक अपडेट देने वाला नियम भी भारतीय यूजर्स को मजबूती देगा, जिससे फोन बार-बार बदलने की जरूरत कम पड़ेगी और एक डिवाइस ज्यादा समय तक भरोसेमंद बना रहेगा।
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Nitesh has almost seven years of experience in news writing and reviewing tech products like smartphones, headphones, and smartwatches. At Gadgets 360, he is covering all ...और भी