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भारत में मोबाइल, टैबलेट्स के लिए USB Type-C चार्जिंग पोर्ट के पेश हुए स्टैंडर्ड्स

इनमें से एक मोबाइल, स्मार्टफोन्स और टैबलेट्स के लिए USB Type-C चार्जर और दूसरा वियरेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज के लिए सामान्य चार्जर होगा

भारत में मोबाइल, टैबलेट्स के लिए USB Type-C चार्जिंग पोर्ट के पेश हुए स्टैंडर्ड्स

एपल को अपने डिवाइसेज में लाइटनिंग पोर्ट के बजाय USB-C पोर्ट देना पड़ेगा

ख़ास बातें
  • इनमें एक मोबाइल, स्मार्टफोन्स और टैबलेट्स के लिए USB Type-C चार्जर होगा
  • वियरेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज के लिए एक सामान्य चार्जर होगा
  • Apple आगामी iPhone 15 सीरीज में भी USB-C पोर्ट देने की तैयारी कर रही है
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मोबाइल्स और वियरेबल इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइसेज के लिए केंद्र सरकार चार्जिंग पोर्ट के दो सामान्य प्रकार लागू करने की योजना बना रही है। इसी कड़ी में ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) ने USB Type-C चार्जिंग पोर्ट के लिए क्वालिटी स्टैंडर्ड्स पेश किए हैं। कंज्यूमर्स के हित के साथ ही ई वेस्ट को कम करने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स ने इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स के साथ विचार-विमर्श कर दो प्रकार के चार्जिंग पोर्ट को अनिवार्य बनाने पर विचार कर रहा है। 

इनमें से एक मोबाइल, स्मार्टफोन्स और टैबलेट्स के लिए USB Type-C चार्जर और दूसरा वियरेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज के लिए सामान्य चार्जर होगा। कंज्यूमर अफेयर्स सेक्रेटरी, Rohit Kumar Singh ने बताया, "पिछली मीटिंग में स्मार्टफोन्स, लैपटॉप्स और टैबलेट्स के लिए चार्जिंग पोर्ट के तौर पर USB Type–C को लागू करने पर सहमति बनी थी। BIS ने टाइप C चार्जर के लिए स्टैंडर्ड्स का नोटिफाई किए हैं।" उन्होंने कहा कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कानपुर की ओर से वॉच जैसे वियरेबल इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइसेज के लिए सिंगल चार्जिंग पोर्ट पर स्टडी की जा रही है। इस बारे में रिपोर्ट मिलने के बाद इंडस्ट्री के साथ बातचीत की जाएगी। 

देश में दो प्रकार के चार्जिंग पोर्ट्स को अनिवार्य बनाए जाने के बारे में पूछने पर, उन्होंने कहा, "हमें यूरोपियन यूनियन की समयसीमा के अनुसार चलना होगा क्योंकि मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मेकर्स की ग्लोबल सप्लाई चेन है और वे केवल भारत में प्रोडक्ट्स की बिक्री नहीं करते।" EU ने हाल ही में एक कानून पास किया था, जिससे Apple की परेशानी बढ़ती नजर आ रही है। अपने प्रोडक्ट्स में लाइटनिंग पोर्ट का इस्तेमाल करने वाली एपल को आने वाले समय में iPhones, iPads और अन्य डिवाइसेज में लाइटनिंग पोर्ट के बजाय USB-C पोर्ट देना पड़ेगा। 

EU ने 2024 की शुरुआत से सभी मोबाइल डिवाइस, टैबलेट्स और कैमरा में स्टैंडर्ड पोर्ट के रूप में USB-C पोर्ट को चार्जिंग और डाटा ट्रांसफर के लिए अनिवार्य कर दिया है। एक रिपोर्ट  में कहा गया था कि Apple आगामी iPhone 15 सीरीज में भी USB-C पोर्ट देने की तैयारी कर रही है। कंपनी लंबी अवधि से अपने प्रोडक्ट्स में लाइटनिंग पोर्ट का इस्तेमाल कर रही है। एपल के iPhones और AirPods भी USB-C पोर्ट की जगह लाइटनिंग पोर्ट के साथ आते हैं। 



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

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