अमेरिकी डिवाइसेज मेकर Apple के iPhone 16 की बिक्री पर इंडोनेशिया मे्ं जल्द बैन हट सकता है। कंपनी की ओर से एक अरब डॉलर के इनवेस्टमेंट को इंडोनेशिया के प्रेसिडेंट Prabowo Subianto ने मंजूरी दी है। एपल ने वियतनाम जैसे कुछ देशों में मैन्युफैक्चरिंग में काफी इनवेस्टमेंट किया है।
Bloomberg की रिपोर्ट में इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि Prabowo की ओर से दी गई मंजूरी
एपल की इनवेस्टमेंट बढ़ाने की योजना पर आधारित है। कंपनी के सप्लायर्स इंडोनेशिया के Batam आइलैंड पर AirTags बनाने के लिए प्लांट लगाएंगे। इस प्लांट में लगभग 1,000 लोगों को रोजगार मिल सकता है। सिंगापुर से फेरी के जरिए Batam की दूरी लगभग 45 मिनट की है। यह एक फ्री-ट्रेड जोन है, जो कंपनियों को वैल्यू-ऐडेड और लग्जरी टैक्सेज के साथ ही इम्पोर्ट ड्यूटी से छूट देता है।
एपल की योजना इंडोनेशिया के Bandung में भी एक्सेसरीज बनाने के लिए प्लांट लगाने की है। हाल ही में कंपनी के लगभग 10 करोड़ डॉलर के इनवेस्टमेंट के प्रपोजल को इंडोनेशिया की सरकार ने खारिज कर दिया था। इंडोनेशिया की जनसंख्या लगभग 28 करोड़ की है।।
कंपनी के लिए यह बड़े मार्केट्स में शामिल है। लोकल कंटेंट के नियमों का पालन नहीं करने के कारण इंडोनेशिया ने एपल के iPhone 16 की बिक्री पर रोक लगाई थी। कुछ अन्य देशों में कंपनी ने ऐसे नियमों का पालन किया है। कंपनी की मैन्युफेक्चरिंग में भारत की हिस्सेदारी भी लगातार बढ़ रही है। देश में Apple के iPhone की मैन्युफैक्चरिंग मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के अप्रैल से अक्टूबर के बीच 10 अरब डॉलर (लगभग 84,000 करोड़ रुपये) हो गई है। एपल की मैन्युफैक्चरिंग में बढ़ोतरी में केंद्र सरकार की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम की महत्वपूर्ण भूमिका है। देश से कंपनी का एक्सपोर्ट भी बढ़ा है।
पिछले चार वर्षों में कंपनी ने देश में लगभग 1,75,000 रोजगार के अवसर बनाए हैं। मौजूदा वित्त वर्ष में कंपनी का लक्ष्य 18 अरब डॉलर की मैन्युफैक्चरिंग का है। सरकार ने लैपटॉप्स से लेकर स्मार्टफोन्स के लिए कंपोनेंट्स की लोकल मैन्युफैक्चरिंग करने पर इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर की कंपनियों को पांच अरब डॉलर (लगभग 42,221 करोड़ रुपये) के इंसेंटिव्स देने की योजना बनाई है। इससे चीन से होने वाली सप्लाई को घट सकती है।