अमेरिकी स्मार्टफोन कंपनी Apple ने पिछले वर्ष अप्रैल से दिसंबर के बीच भारत से 2.5 अरब डॉलर से अधिक के iPhones का एक्सपोर्ट किया है। यह पिछले वर्ष कंपनी के भारत से कुल एक्सपोर्ट का लगभग दोगुना है। इससे एपल के चीन में मुश्किलों के कारण अपने डिवाइसेज के प्रोडक्शन को शिफ्ट करने में तेजी लाने का संकेत मिल रहा है।
Bloomberg की
रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के पहले नौ महीनों में एपल के लिए कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग करने वाली कंपनियों Foxconn और Wistron प्रत्येक ने देश से एक अरब डॉलर से अधिक के डिवाइसेज का एक्सपोर्ट किया है। पिछले वर्ष के अंत में चीन में फॉक्सकॉन की फैक्टरी में वर्कर्स के तोड़फोड़ करने और कोरोना की वजह से लगी पाबंदियों से आईफोन के प्रोडक्शन पर बड़ा असर पड़ा था। इसके बाद एपल ने चीन से प्रोडक्शन का कुछ हिस्सा शिफ्ट करने की अपनी योजना पर तेजी से काम किया है। दुनिया की सबसे अधिक वैल्यू वाली कंपनी एपल ने पिछले वर्ष भारत में अपनी नई आईफोन सीरीज के कुछ मॉडल्स की असेंबलिंग शुरू की थी।
केंद्र सरकार ने प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम के तहत पिछले वर्ष के अंत में दो कंपनियों Foxconn और Padget Electronics के लिए
इंसेंटिव की स्वीकृति दी है। इन दोनों कंपनियों को क्रमशः 357.17 करोड़ रुपये और 58.29 करोड़ रुपये के इंसेंटिव मिलेंगे। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड IT मिनिस्ट्री के तहत आने वाली उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी इंसेंटिव देने के प्रपोजल पर विचार करती है। इस कमेटी में नीति आयोग के CEO Param Iyer, DPIIT के सेक्रेटरी, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड IT मिनिस्ट्री के सेक्रेटरी और कुछ अन्य मेंबर्स शामिल हैं।
एपल के लिए फॉक्सकॉन भारत में iPhone की और Motorola के लिए Padget Electronics स्मार्टफोन्स की मैन्युफैक्चरिंग करती है। PLI के तहत, अभी तक 14 सेक्टर्स की लगभग 7,717 कंपनियों को इंसेंटिव दिए गए हैं। इस स्कीम के तहत सरकार देश में मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए कंपनियों को इंसेंटिव देती है। भारत में बने आईफोन का एपल अधिकतर यूरोप और मिडल ईस्ट को एक्सपोर्ट करती है। हालांकि, आईफोन के कुल प्रोडक्शन में भारत की हिस्सेदारी बहुत कम है। एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की देश को प्रोडक्शन हब के तौर पर चीन का विकल्प बनाने की योजना के लिए अच्छी प्रगति है।