यूट्यूब ने गुरुवार को कहा कि अब उसके होम और ट्रेडिंग टैब में ज्यादा कंटेंट क्षेत्रीय भाषाओं से संबंधित होंगे। यह बदलाव गुरुवार से भारत के हर यूज़र के लिए लागू हो जाएगा। इसके लिए यूज़र को सेटिंग्स में कोई बदलाव नहीं करना पड़ेगा।
गूगल की स्वामित्व वाले वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म ने बयान जारी करके कहा, "वेबसाइट अपने आप ही यूज़र के पसंदीदा भारतीय भाषा को पहचान लेगी। ऐसा यूज़र इंटरफेस लैंग्वेज, हिस्ट्री और लोकेशन के ज़रिए संभव होगा।" इन भाषाओं में बंगाली, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, पंजाबी, तमिल और तेलुगू शामिल हैं।
अगर यूट्यूब ने यूज़र के लिए गलत भाषा का चुनाव कर लिया तो डेस्कटॉप पेज के निचले हिस्से पर जाकर इसे बदला जा सकता है। एंड्रॉयड और आईओएस मोबाइल ऐप्स में भाषा बदलने के लिए डिवाइस सेटिंग्स में जाना होगा। यूट्यूब ने यह भी बताया कि यूज़र अपनी भाषा में ज़्यादा से ज़्यादा कंटेंट देख सकते हैं। इसके बाद पसंदीदा भाषा अपने आप बदल जाएगी।
कंपनी का कहना है कि बदलाव आने के बाद यूज़र क्षेत्रीय भाषाओं में ज़्यादा से ज़्यादा कंटेंट देख पाएंगे। सिनेमा से म्यूज़िक तक, ख़ासकर पहली बार यूट्यूब पर आने वाले यूज़र को यह पसंद आएगा। ट्रेडिंग सेक्शन में भी आपकी पसंद की भाषा के लोकप्रिय वीडियो दिखाए जाएंगे।
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