वीडियो शेयरिंग साइट YouTube ने जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान भारत में 17 लाख से ज्यादा वीडियो कंपनी की कम्युनिटी गाइडलाइंस का उल्लंघन करने की वजह से हटाए हैं। इस अवधि में ग्लोबल लेवल पर कंपनी ने 56 लाख से अधिक वीडियो को गाइडलाइंस के उल्लंघन के कारण हटाया है।
यूट्यूब ने तीसरी तिमाही के लिए कम्युनिटी गाइंडलाइंस
रिपोर्ट में बताया है, "मशीन की मदद से पकड़े गए वीडियो में से 36 प्रतिशत को एक भी व्यू मिलने से पहले और 31 प्रतिशत को 1 से 10 व्यू मिलने पर हटा दिया गया था।" इसके अलावा गाइडलाइंस के उल्लंघन से जुड़े 73.7 करोड़ से अधिक कमेंट्स को हटाया गया है। यूट्यूब के डेटा से पता चलता है कि लगभग 99 प्रतिशत कमेंट्स को इस प्लेटफॉर्म के ऑटोमेटेड सिस्टम की ओर से मिली चेतावनी के बाद और बाकी को यूजर्स के आपत्ति जताने पर हटाया गया था। यूट्यूब की मालिक Alphabet है।
कंपनी ने हाल ही में बताया था कि वह अपनी शॉर्ट वीडियो सर्विस पर शॉपिंग से जुड़े फीचर्स ला रही है। स्लोडाउन के कारण विज्ञापनों में कमी होने की वजह से यूट्यूब रेवेन्यू बढ़ाने के अन्य जरियों की तलाश कर रही है। इस फीचर की अमेरिका में चुनिंदा क्रिएटर्स के साथ टेस्टिंग की जा रही है। इससे ये क्रिएटर्स अपने स्टोर्स से प्रोडक्ट्स को टैग कर सकेंगे। कंपनी का कहना है, "भारत, अमेरिका, ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया में व्यूअर्स टैग को देखने के साथ ही इनके साथ इंटरएक्ट भी कर सकते हैं। इस फीचर को अन्य देशों में भी उपलब्ध कराया जाएगा।"
हाल ही में यूट्यूब ने क्रिएटर्स को फायदा पहुंचाने के लिए YouTube Shorts से अधिक रकम देने का नया तरीका शुरू किया है। इसका उद्देश्य TikTok को टक्कर देना है।
कंपनी ने बताया था कि वह Shorts वीडियो फीचर पर ऐडवर्टाइजिंग शुरू करेगी और वीडियो क्रिएटर्स को रेवेन्यू का 45 प्रतिशत देगी। YouTube के अन्य वीडियोज पर ऐड रेवेन्यू का लगभग 55 प्रतिशत डिस्ट्रीब्यूट किया जाता है। TikTok के पास क्रिएटर्स के लिए लगभग एक अरब डॉलर का फंड है। YouTube को पिछले कुछ वर्षों से TikTok से कड़ा मुकाबला मिल रहा है। इस ऐप के पास लगभग एक अरब मंथली यूजर्स हैं। टिकटॉक की टक्कर में लगभग दो वर्ष पहले यूट्यूब ने एक मिनट तक के वीडियो वाला Shorts फीचर शुरू किया था। इसके 1.5 अरब से अधिक मंथली यूजर्स हो गए हैं।