जब आप अपने ऑफिस में पूरा समय इंटरनेट से कनेक्ट रहते हैं, तो आप कंपनी के नेटवर्क का उपयोग कर रहे होते हैं। इसका मतलब है कि आपकी कंपनी का एक खास डिपार्टमेंट आपके इंटरनेट ट्रैफिक, यानी इंटरनेट एक्टिविटी को देख सकता है। यदि आप सोच रहे है कि Google Chrome, Firefox, Microsoft Edge जैसे पॉपुलर ब्राउजर में मिलने वाला प्राइवेट ब्राउजिंग फीचर (Incognito मोड) आपकी प्राइवेसी बनाए रखेगा, तो आप गलत सोच रहे हैं, क्योंकि यहां सवाल ब्राउजर में स्टोर होने वाले सर्च हिस्ट्री, कैश या कुकी का नहीं है, बल्कि सवाल नेटवर्क सर्वर पर आने-जाने वाले ट्रैफिक का है। अब आप सोच रहे होंगे कि भला इससे कैसे बचा जाए? तो उत्तर आपको इस आर्टिकल में मिलने वाला है।
दरअसर एक वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) ऐसी चीज होती है, जो आपके इंटरनेट ट्रैफिक को एन्क्रिप्ट रखती है, जिससे आपका एम्प्लॉयर यह नहीं देख सकता कि आप कौन सी वेबसाइट्स देख रहे हैं या आप कौन सा डेटा भेज और प्राप्त कर रहे हैं। VPN का इस्तेमाल उन वेबसाइटों को अनब्लॉक करने के लिए भी किया जा सकता है जो आपके वर्क नेटवर्क पर बैन हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपकी कंपनी सोशल मीडिया साइटों को ब्लॉक करती है, तो आप उन तक पहुंचने के लिए वीपीएन का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि, अपनी कंपनी की पॉलिसी के खिलाफ जाना भी कोई समझदारी वाला काम नहीं है, क्योंकि जाने-अंजाने आप नियमों का उल्लंघन ही कर रहे हैं। लेकिन कुछ लोगों के लिए तब समस्या पैदा होती है, जब उन्हें किसी आम वेबसाइट्स को एक्सप्लोर करना हो और वे भी कंपनी द्वारा बैन की गई हों।
VPN का उपयोग करने का एक अन्य और सबसे महत्वपूर्ण लाभों में से एक यह है कि यह आपकी
प्राइसी का ख्याल रखता है। जब आप वीपीएन का उपयोग करते हैं, तो आपका इंटरनेट ट्रैफिक एक रिमोट सर्वर के जरिए रूट किया जाता है। इसका मतलब यह है कि आपका IP एड्रेस आपके द्वारा देखी जाने वाली वेबसाइटों से छिपा रहता है। यह आपकी प्राइवेसी को ऑनलाइन ट्रैकर्स और हैकर्स से सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है। बेनिफिट्स की लिस्ट यहीं खत्म नहीं होती है। VPN का उपयोग आपके इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) द्वारा बैंडविड्थ थ्रॉटलिंग से बचने के लिए भी किया जा सकता है।
चलिए बिना देरी किए हम इन्हीं बेनिफिट्स को आपको विस्तार से बताते हैं।
बैन हुई वेबसाइट्स का एक्सेस देता है VPN
जैसा कि हमने ऊपर बताया, यूं तो कंपनी द्वारा बैन की गई वेबसाइट्स को VPN के जरिए अनब्लॉक करना कहीं न कहीं आपके एम्प्लॉयर के नियमों का उल्लंघन होगा। लेकिन, फिर भी यदि आपके लिए किसी ऐसी वेबसाइट को एक्सेस करना आपके काम के लिए अहम है, जिसे आप अपनी कंपनी के लिए करना चाह रहे हैं, तो VPN आपकी मदद कर सकता है। VPN के जरिए YouTube, Netflix सहित कई वेबसाइट्स को अनब्लॉक किया जा सकता है। VPN आपके ट्रैफिक को एन्क्रिप्ट करते हैं, जिससे यह आपके ऑफिस के मुख्य सर्विस के बजाय एक अलग रूट अपनाते हैं।
प्राइवेसी का ख्याल
आज के समय में डिजिटल प्राइवेसी सबसे अहम चीज है। यदि आप ऑफिस से काम कर रहे हैं, तो आप इस मामले में सुरक्षित हैं, लेकिन यदि आप अपने लैपटॉप को लेकर बाहर किसी पब्लिक प्लेस में बैठे हैं और अपने ऑफिस का काम कर रहे हैं, तो ये आपको भारी पड़ सकता है। पब्लिक Wi-Fi बहुत कमजोर नेटवर्क होता है, जिसे क्रैक करना बेहद आसान होता है। ऐसे में यदि आपका ऑफिस लैपटॉप किसी कमजोर सर्विस के साथ जुड़ा है, तो ये आपके निजी और प्रोफेशनल डेटा दोनों के लिए बहुत बड़ा खतरा है। VPN द्वारा मिलने वाला एन्क्रिप्शन संदिग्ध नेटवर्क पर
नजर रखने वाले हैकर्स को यह देखने से रोकता है कि आप क्या कर रहे हैं।
लोड होने के बाद भी मिलेगी फास्ट स्पीड
आपका एम्प्लॉयर फास्ट इंटरनेट के लिए ISP को भारी भुगतान करते हैं, लेकिन फिर भी आपके डिवाइस तक आते-आते इंटरनेट स्पीड बेहद कम हो जाती है, खासकर हाई यूसेज या स्ट्रीमिंग के दौरान। एक VPN आपकी इंटरनेट एक्टिविटी को आपके ISP से छिपाकर एन्क्रिप्ट करता है। इससे उनके लिए आप ऑनलाइन जो कर रहे हैं उसके आधार पर आपके कनेक्शन को बाधित करना कठिन हो जाता है, जिससे संभावित रूप से आपको वह स्पीड मिलती है जिसके लिए आपकी कंपनी ISP को भुगतान कर रही हैं।
VPN कहां मिलेगा?
मार्केट में फ्री और पेड दोनों तरह के VPN सॉफ्टवेयर मौजूद हैं, जिनमें Surfshark, ExpressVPN, NordVPN और ProtonVPN कुछ बड़े नाम हैं। यूं तो ये सभी पेड सॉफ्टवेयर हैं, लेकिन इनके डेवलपर फ्री ट्रायल या किसी खास मौके पर भारी डिस्काउंट की पेशकश जैसे ऑफर्स देते हैं।