सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सरकार पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन कई शिक्षकों की लापरवाही इस कोशिश को धक्का लगाती है। यूपी के संभल जिले का एक स्कूल टीचर बच्चों को पढ़ाने और उन पर ध्यान देने के बजाए
मोबाइल में व्यस्त रहते हुए पकड़े गए। आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, मोबाइल गेम कैंडी क्रश की लत के कारण टीचर को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। ड्यूटी के दौरान फोन पर कैंडी क्रश खेलने और उस पर बात करने के कारण टीचर को सस्पेंड कर दिया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना तब सामने आई, जब जिले के डीएम राजेंद्र पांसिया औचक निरीक्षण के लिए स्कूल पहुंचे और पाया कि स्टूडेंट्स की कॉपियों में पहले पेज से लेकर आखिरी पेज तक ढेर सारी गलतियां हैं। जब टीचर के फोन की जांच की गई तो उसमें मौजूद एक ऐप ने सारा राज खोल दिया।
दरअसल, वह ऐप फोन में बिताए गए घंटों को ट्रैक करता है। इससे पता चला कि स्कूल टीचर स्कूल टाइम में लगभग 2 घंटे कैंडी क्रश खेलने में बिताता है। डीएम ने स्थानीय पत्रकारों से कहा कि टीचर्स को स्टूडेंट्स के स्कूल वर्क और होमवर्क की जांच करने पर फोकस करना चाहिए। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चों को क्वॉलिटी एजुकेशन मिले। उन्होंने कहा कि स्कूल में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना समस्या नहीं है, लेकिन स्कूल के टाइम में पर्सनल वजहों से उसका इस्तेमाल सही नहीं है।
बताया जाता है कि डीएम ने 6 स्टूडेंट्स की कॉपी में 6 पेज चेक किए। उन्होंने 95 गलतियां पकड़ीं, जिसमें से 9 गलतियां पहले पेज पर थीं। जिन टीचर पर कार्रवाई की गई है, उनका नाम प्रियम गोयल बताया जा रहा है।
इस फीचर ने खोली पोल
एंड्रॉयड स्मार्टफोन में मौजूद डिजिटल वेल-वींग (Digital Well-being) फीचर यह बता सकता है कि कोई यूजर अपने स्मार्टफोन पर कितना वक्त बिताता है। वह किस ऐप पर कितनी देर तक रहता है। इसी फीचर से पता चला कि स्कूल के साढ़े पांच घंटों में प्रियम गोयल ने लगभग दो घंटे कैंडी क्रश खेलने में बिताए, 26 मिनट तक फोन पर बात की और लगभग 30 मिनट तक सोशल मीडिया ऐप का इस्तेमाल किया।