आधार कार्ड (Aadhaar Card) की सिक्योरिटी को लेकर असकर एक्सपर्ट्स, विपक्षी पार्टियों व सिक्योरिटी रिसचर्स की ओर से सवाल उठाए जाते हैं। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) द्वारा समय-समय पर आधार कार्ड की सुरक्षा को लेकर नागरिकों को आश्वस्त भी किया जाता रहा है। अब, एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, UIDAI ने 132 करोड़ भारतीयों के आधार डेटा की सुरक्षा करने वाली अपनी सुरक्षा प्रणाली में किसी भी तरह की कमजोरियों का पता लगाने के लिए 20 टॉप हैकर्स को आमंत्रित किया है।
UIDAI ने "Bug Bounty Programme" शुरू किया है, जिसमें 20 टॉप हैकर्स को आमंत्रित किया है। आधार डेटा की सुरक्षा में खामियों के संबंध में चल रही कई धारणओं के चलते पिछले कुछ समय से इस तरह के प्रोग्राम की मांग की जा रही थी। News 18 ने UIDAI द्वारा 13 जुलाई को जारी एक आदेश का हवाला देते हुए
जानकारी दी है कि अथॉरिटी ने अपने सिस्टम पर बग बाउंटी प्रोग्राम चलाने का फैसला किया है। इस प्रोग्राम में आमंत्रित हैकर्स को आधार कार्ड के सिक्योरिटी सिस्टम में खामियां निकालने का चैलेंज दिया गया है।
रिपोर्ट कहती है कि 20 अलग-अलग हैकर्स या ग्रुप को UIDAI के सेंट्रल आइडेंटिटी डेटा रिपोजिटरी (CIDR) का अध्ययन करने का मौका दिया जाएगा, जो दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल डेटाबेस, यानी 132 करोड़ भारतीयों के आधार डेटा को स्टोर करता है। आदेश में कहा गया है, "चयनित उम्मीदवार को HackerOne, Bugcrowd जैसे बग बाउंटी लीडर्स बोर्ड के टॉप 100 में लिस्टेड होना चाहिए या Microsoft, Google, Facebook या Apple आदि जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों द्वारा संचालित बाउंटी प्रोग्राम में लिस्टेड होना चाहिए।"
आदेश में आगे कहा गया है, "उम्मीदवार को पिछले एक साल में वैध बग जमा करना चाहिए या इनाम प्राप्त करना चाहिए।" इन हैकर्स को UIDAI के साथ एक नॉन-डिस्क्लोजर समझौते पर हस्ताक्षर करने और उसके निर्देशों का पालन करने की भी आवश्यकता होगी। रिपोर्ट आगे कहती है कि यूआईडीएआई ने दिलचस्प रूप से यह भी कहा है कि कार्यक्रम के लिए चुने गए 20 हैकरों के पास "एक वैध आधार नंबर होनी चाहिए और भारतीय निवासी होना चाहिए"।
अथॉरिटी का कहना है कि यदि उसे 20 से अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं, तो यूआईडीएआई टॉप 20 उपयुक्त उम्मीदवारों का मूल्यांकन करने और चयन करने का अधिकार सुरक्षित रखता है।