जापान की टोयोटा मोटर (Toyota Motor) और ऑटोमेटेड ड्राइविंग सिस्टम तैयार करने वाली अमेरिकी डेवलपर- ऑरोरा (Aurora) ने अमेरिका के टेक्सास में ऑटोनॉमस राइड से जुड़ी फ्लीट की टेस्टिंग शुरू की है। इसमें दो सेफ्टी ऑपरेटर हैं, लेकिन कोई पैसेंजर नहीं है। ऑरोरा की तरफ से यह जानकारी दी गई है। टोयोटा की सिएना मिनीवैन (Sienna minivans) को ऑरोरा के सेल्फ-ड्राइविंग सिस्टम के साथ डलास-फोर्ट-वर्थ इलाके में हाइवे और शहर की सड़कों पर टेस्ट किया जाएगा। इस टेस्टिंग में ट्रिप्स के साथ एयरपोर्ट के रूट भी शामिल होंगे।
गौरतलब है कि ऑटोनॉमस व्हीकल स्टार्टअप्स पर अरबों डॉलर की इन्वेस्टमेंट हुई है और इस वजह से उनके ऊपर रेवेन्यू को बढ़ाने का दवाब है। लेकिन फ्लीट को बढ़ाना इन स्टार्टअप्स के लिए चुनौती है, क्योंकि इसमें तमाम तकनीक मुश्किलें सामने आती हैं।
एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अमेरिकी कंपनी ऑरोरा ने कहा है कि इस टेस्टिंग से वह अपनी क्षमता को सामने रख रही है। यह तकनीक एकदम अलग है और टोयोटा के व्हीकल को एक आकर्षक राइड बनाती है। बात करें ऑरोरा की प्रतिद्वंदी कंपनी की, तो Waymo अपनी ड्राइवरलैस मिनीवैन को फीनिक्स में लिमिटेड इलाकों में ऑपरेट करती है और इसे इस्तेमाल करने के लिए पैसेंजर्स से फीस ली जाती है। एयरपोर्ट पिकअप और ड्रॉप की सुविधा उसके पास नहीं है।
Waymo का कहना है कि वह सैन फ्रांसिस्को शहर में भी अपने ड्राइवरलैस व्हीकल्स को लॉन्च करने के लिए तैयार है। हालांकि कंपनी ने इसकी कोई टाइमलाइन नहीं बताई।
वहीं, ऑरोरा को लीड करने वाले क्रिस उर्मसन का कहना है कि उनकी योजना अपनी फ्लीट में लगातार व्हीकल्स जोड़ने की है। कंपनी, उबर की तरह राइड-हेलिंग नेटवर्क के कमर्शल लॉन्च की तैयारी कर रही है। ऑरोरा ने साल 2020 में उबर की ऑटोनॉमस व्हीकल यूनिट ATG को खरीदा था, जबकि उबर ने ऑरोरा में 26% ओनरशिप इंटरेस्ट हासिल किया था।
दुनियाभर में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) का क्रेज और मांग बढ़ती जा रही है। बीते दिनों एक रिपोर्ट में बताया गया था कि पहली बार इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने वाले लोग गैसोलीन पर चलने वाली कारों में स्विच करने को लेकर अनिच्छुक थे। लोगों में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के क्रेज का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका में EV की बिक्री इस महीने की शुरुआत में 4 लाख 34 हजार 879 नई यूनिट्स के साथ रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई। हालांकि हाइब्रिड गाड़ियों की मांग ज्यादा मजबूत रही, क्योंकि कई कस्टमर इलेक्ट्रिक गाड़ियों की ज्यादा कीमत, लिमिटेड ड्राइविंग रेंज और चार्जिंग स्टेशनों की कमी के कारण इन्हें नहीं खरीद पाए।