Tesla ने टॉप इलेक्ट्रिक व्हीकल ब्रांड का तमगा बरकरार रखा हुआ है। हाल ही में जारी इंडस्ट्री डेटा में कंपनी टॉप ईवी मैन्युफैक्चरर (Top EV Manufacturer) की पोजीशन पर है। 2021 की टॉप ईलेक्ट्रिक व्हीकल ब्रांड (Top Electric Vehicle Brand) के तौर पर कायम टेस्ला इस पोजीशन को 2018 से ही बनाए हुए है। इसके बाद दुनिया दूसरी सबसे बड़ी ईवी मैन्युफैक्चरर (Second Largest EV Manufacturer) के तौर पर बीवाईडी (BYD) का नाम आता है। चाइनीज कारमेकर BYD ने दिसंबर 2021 में लगभग 1 लाख यूनिट्स की बिक्री की थी और यह टेस्ला के बाद दूसरे स्थान पर थी।
अमेरिका की टेक दिग्गज टेस्ला, टॉप इलेक्ट्रिक व्हीकल मेकर कंपनी के तौर पर 2018 से ही बनी हुई है। दिसंबर 2021 में इसने 1 लाख 70 हजार नए रजिस्ट्रेशन किए। इसके बाद BYD ने 93,293 यूनिट्स की सेल की और दूसरा स्थान हासिल किया। बीईडी (BYD) चीन के अलावा विश्वभर में कई देशों में अपनी पकड़ मजबूत करती जा रही है। तीसरे नम्बर पर SGMW* Joint Venture रही जिसने 61,306 रजिस्ट्रेशन किए। इसी लिस्ट में Ford ने 500 रजिस्ट्रेशन किए, Geely ने 11,348 रजिस्ट्रेशन और Porsche ने 10,631 रजिस्ट्रेशन किए। Mercedes, Volkswagen, BMW और SAIC समेत कई चाइनीज ईवी मेकर्स ने भी इस लिस्ट में अपनी जगह बनाई है।
कोरोना महामारी के कारण पिछले साल दुनियाभर में चिप की कमी आई। इसके बावजूद टेस्ला ने 87 प्रतिशत अधिक व्हीकल बेचे। बीते साल Tesla के रिवेन्यु (Tesla Revenue 2021) में 71 प्रतिशत की वृद्धि हुई। टेस्ला ने 2021 में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (Electric Vehicles) की बढ़ती डिमांड के कारण 5.5 अरब डॉलर (लगभग 4.1 खरब रुपये) का मुनाफा कमाया। लेकिन पिछले तीन सालों में इसके मार्केट शेयर में हल्की गिरावट भी दर्ज की गई है। हाल ही में जारी एक प्रेस रिलीज में कंपनी ने यह भी कहा कि सप्लाई चेन में अभी भी कमी चल रही है जिसका असर इस साल के मध्य तक बना रहेगा।
BYD ग्रोथ के मामले में टेस्ला से कहीं आगे चल रही है। कंपनी ने 2021 में व्हीकल्स की बिक्री में तीन गुना वृद्धि की। वहीं, टेस्ला का मार्केट शेयर 2021 में 14 प्रतिशत रहा जो कि 2019 में 17 प्रतिशत था। बीवाईडी चीन में ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में पंजे जमा रही है। हाल ही में कंपनी ने अमेरिका में इलेक्ट्रिक स्कूल बसें लाने की घोषणा की है। ये बसें टाइप-ए होंगी और इनको टाइप-डी बसों की तुलना में छोटे साइज में बनाया जाएगा। ये कम संख्या में स्टूडेंट्स को लाने के लिए इस्तेमाल हो सकेंगीं। कंपनी इनमें खास ऑफ़लाइन ग्रिड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेगी जिससे स्कूल को खाली समय में पावर उपलब्ध करवाई जा सकेगी।