पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमत ने लोगों को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (Electric vehicles) की ओर रुख करने को मजबूर कर दिया है। लोगों की दिलचस्पी इलेक्ट्रिक कारों की तरफ तेजी से बढ़ रही है और सरकार भी जनता और वाहन कंपनियों से उनके पोर्टफोलियो को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों पर स्विच करने के लिए कह रही है। इस बीच, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो अपने पुरानी कारों को किसी न किसी तरह मॉडिफाई करते हैं, जिससे उनकी ईंधन पर निर्भरता खत्म हो जाए। ऐसे ही एक शख्स मनोजित मंडल हैं, जिन्होंने अपनी पुरानी टाटा नैनो (Tata Nano) कार को सौर ऊर्जा (Solar Energy) से चलने वाली कार में बदल दिया है।
पश्चिम बंगाल में एक कार उत्साही मनोजित मंडल आजकल मीडिया में सुर्खियां बटोर रहे हैं। इनके चर्चे चारों तरफ छाए हैं, क्योंकि इन्होंने अपनी एक पुरनी Tata Nano कार को सोलर एनर्जी से चलने वाली कार में मॉडिफाई किया है। NDTV के
अनुसार, पेशे से उद्योगपति मंडल ने इस कार को इस तरह मॉडिफाई किया है कि सोलर एनर्जी की वजह से अब कार महज 30 रुपये के खर्च के साथ 100 किलोमीटर चलती है।
उनका कहना है कि इस कार में एक लिथियम आयन बैटरी पैक लगाया गया है। यह बैटरी पैक सोलर पैनल के जरिए चार्ज होता है। कार में से इंजन को हटा दिया गया है, जिसकी जगह इलेक्ट्रिक मोटर का इस्तेमाल किया गया है। इसलिए यह चलते समय आवाज नहीं करती है। इसकी टॉप स्पीड 80 किमी प्रति घंटा बताई गई है।
उद्योगपति मनोजित मंडल के अनुसार, इस प्रयोग के लिए उन्हें सरकार से कोई सहयोग नहीं मिला। लेकिन उनका बचपन से ऐसी कार बनाने का सपना था। मनोजित मंडल का कहना है वे इस कार को 30 रुपये के खर्च में 100 किलोमीटर ड्राइव करते हैं। इसके अलावा, यह पर्यावरण के लिए भी अच्छी साबित होती है, क्योंकि इंजन के बिना यह प्रदूषण नहीं करती है।
इसमें गियर सिस्टम को बरकरार रखा गया है। कार चौथे गियर में 80 प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है। हालांकि, यह क्लचलैस गियर सिस्टम है। इसकी छत पर सोलर पैनल लगाया गया है, जिसे बैटरी पैक से कनेक्ट किया गया है। इसमें पांच लोग आराम से बैठ सकते हैं।
Tata Motors ने साल Nano को साल 2008 में लॉन्च किया था। हालांकि, बिक्री में गिरावट के चलते इसे 2018 में बंद कर दिया गया। लॉन्च के समय नैनो भारत की सबसे सस्ती कार थी और इसने दुनियाभर में सुर्खियां बटोरी थी। कार को 1 लाख रुपये की शुरुआती कीमत पर लॉन्च किया गया था और लोगों ने इसे लखटकिया कार नाम दिया था।