पिछले कई महीनों से जारी रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में हस्तक्षेप करने का अमेरिका को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। रूस के प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका और उसके सहयोगी देशों पर एक "खतरनाक और हिंसक" खेल में अन्य देशों पर अपनी शर्तें थोपने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही अमेरिका को चेतावनी दी गई है कि अगर वह इस युद्ध में यूक्रेन को मदद जारी रखता है तो उसके कमर्शियल सैटेलाइट्स को निशाना बनाया जा सकता है।
रूस की फॉरेन मिनिस्ट्री में डिप्टी डायरेक्टर, Konstantin Vorontsov ने संयुक्त राष्ट्र से कहा है कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश पश्चिमी दबदबे को बढ़ाने के लिए स्पेस का
इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना था कि अगर अमेरिका ऐसा करना जारी रखता है तो रूस उसके सैटेलाइट्स को नष्ट कर सकता है। रूस ने अपने पहले सैटेलाइट, Sputnik 1 को 1957 में अंतरिक्ष में भेजा था। इसके दो वर्ष बाद रूस ने पहले व्यक्ति को अंतरिक्ष के बाहरी हिस्से में पहुंचाया था। पिछले वर्ष रूस ने अपने सैटेलाइट्स में से एक को नष्ट करने के लिए एक एंटी-सैटेलाइट मिसाइल दागी थी।
अमेरिका को चेतावनी देते हुए रूस की फॉरेन मिनिस्ट्री की प्रवक्ता Maria Zakharova ने कहा कि अमेरिका को 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट के दौरान अपनाए गए रवैये को बरकरार रखना चाहिए, जब रूस और अमेरिका ने परमाणु टकराव से बचने का फैसला किया था। उन्होंने कहा कि अमेरिका की ओर से यूक्रेन को मदद जारी रखने पर दो सबसे बड़ी परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच सीधा सैन्य टकराव हो सकता है, जिसके भयानक परिणाम होंगे।
इस महीने की शुरुआत में रूस ने एक छोटा मिलिट्री सैटेलाइट लॉन्च किया था। इस ‘रहस्यमयी' सैटेलाइट का क्या मकसद है, इस बारे में जानकारी नहीं मिली है। इस महीने रूस ने कम से कम तीन ऑर्बिटल मिशन अंतरिक्ष में भेजे हैं। रूस की ये कोशिशें यूक्रेन युद्ध में दबदबा बढ़ाने के लिए हो सकती हैं। यूक्रेन पर हमला करने की वजह से बहुत से देशों ने रूस पर कड़े
प्रतिबंध लगाए हैं। इस वजह से बहुत सी इंटरनेशनल कंपनियों ने रूस में अपना बिजनेस समेट दिया है। इनमें मर्सिडीज बेंज, निसान और टोयोटा जैसी बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियां शामिल हैं।