देश के पावर ग्रिड को सायबरअटैक से सुरक्षित करने की तैयारी

देश भर में इलेक्ट्रिसिटी की सप्लाई के लिए महत्वपूर्ण पावर ग्रिड को सायबर अपराधियों ने निशाना बनाने की कोशिश की थी

देश के पावर ग्रिड को सायबरअटैक से सुरक्षित करने की तैयारी

सायबर अपराधी कई बार सरकारी वेबसाइट्स को भी निशाना बना चुके हैं

ख़ास बातें
  • पावर मिनिस्ट्री को इस नेटवर्क पर अटैक करने वालों के बारे में जानकारी है
  • इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड की नियमित जांच का प्रावधान किया जा रहा है
  • चीन के हैकर्स ने इस ग्रिड को निशाना बनाने की कोशिश की थी
विज्ञापन
पिछले कुछ वर्षों में सायबरअटैक का खतरा बढ़ा है। इस तरह के अटैक बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। केंद्र सरकार ने सायबरअटैक से देश के पावर ग्रिड की सुरक्षा को बढ़ाने की तैयारी की है। देश भर में इलेक्ट्रिसिटी की सप्लाई के लिए महत्वपूर्ण पावर ग्रिड को सायबर अपराधियों ने पिछले वर्ष निशाना बनाने की कोशिश की थी।

इस बारे में PTI की एक रिपोर्ट में पावर मिनिस्टर R K Singh के हवाले से कहा गया है कि सायबरअटैक का खतरा बरकरार है और इलेक्ट्रिसिटी (संशोधन) बिल में पावर ग्रिड की नियमित जांच का एक प्रावधान शामिल किया गया है। पावर मिनिस्ट्री को इस नेटवर्क पर अटैक करने वालों के बारे में जानकारी है और इस वजह से नियमित जांच का प्रावधान किया जा रहा है। R K Singh ने बताया, "हम सेंट्रल लोड डिस्पैच सेंटर को सशक्त बना रहे हैं जिससे यह जांच करने के साथ ही निर्देश दे सके। हमारे पास देश में एक ग्रिड है और अगर किसी स्थान पर कोई समस्या होती है तो पूरा ग्रिड बंद हो सकता है। इसी वजह से यह प्रावधान किया गया है।" 

पावर ग्रिड पर अप्रैल में चीन के हैकर्स ने अटैक कर लद्दाख के निकट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर को निशाना बनाने की कोशिश की थी। हालांकि, उस सायबरअटैक को ब्लॉक कर दिया गया था। इससे पहले भी लद्दाख में इलेक्ट्रिसिटी नेटवर्क हैकर्स के निशाने पर रहा था। सायबर अपराधी कई बार सरकारी वेबसाइट्स को भी निशाना बना चुके हैं। 

रूस ने यूक्रेन पर हमला करने से पहले एक बड़ा सायबरअटैक किया था। इसमें यूक्रेन सरकार की कई वेबसाइट्स को हैक किया गया था। इस बारे में सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने जानकारी दी थी। माइक्रोसॉफ्ट ने इस साइबर हमले की जानकारी देते हुए बताया था कि यूक्रेन की सरकारी एजेंसियों के कई कंप्यूटर्स में मैलवेयर पहुंचाया गया था। माइक्रोसॉफ्ट ने कहा था कि उसकी जांच टीमों ने कई सिस्‍टम्‍स पर मैलवेयर को खोजा है। ये सिस्टम यूक्रेन के कई सरकारी और गैर सरकारी एजेंसियों में थे।।इससे पहले 2017 में भी रूस ने यूक्रेन पर इसी तरह का अटैक किया था। इसमें नोटपेट्या वायरस के साथ यूक्रेन को निशाना बनाया गया था। उत्तर कोरिया के हैकर्स भी इस तरह के अटैक और स्कैम में शामिल रहे हैं। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

डेविड डेलिमा

Gadgets 360 में टेक्नोलॉजी लेखक के रूप में, डेविड डेलिमा की ओपन-सोर्स ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Top Smartphones Under Rs 50,000: Motorola, Google, Realme, Oppo के 5 टॉप स्मार्टफोन!
  2. Mahindra की XEV 9e और BE 6 इलेक्ट्रिक SUVs को जोरदार रिस्पॉन्स, 10,000 यूनिट्स की डिलीवरी
  3. भारत में जल्द सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस लॉन्च कर सकती है Elon Musk की Starlink
  4. AI का इस्तेमाल बढ़ने के बावजूद इंजीनियर्स की हायरिंग जारी रखेगी Google
  5. Oppo की Reno 14 के लॉन्च की तैयारी, NBTC साइट पर हुई लिस्टिंग
  6. Jio ने 5G कवरेज, क्वालिटी और अपलोड स्पीड में मारी बाजी, Airtel की डाउनलोड स्पीड पर पकड़ बरकरार!
  7. Nintendo Switch 2 में मिला 7.9-इंच डिस्प्ले, 30 गेम्स का सपोर्ट और 120Hz रिफ्रेश रेट, इस कीमत पर हुआ लॉन्च
  8. Xiaomi 16 में मिल सकता है 6.9 इंच डिस्प्ले, 7,000mAh की बैटरी
  9. Redmi Pad 2 भारत में 18 जून को होगा लॉन्च, डिजाइन और स्पेसिफिकेशंस हुए टीज
  10. Tecno Pova Curve 5G की भारत में शुरू हुई बिक्री, जानें प्राइस, ऑफर्स
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »