बात जब शहर के अंदर सामान की डिलिवरी की आती है, तो ई-कॉमर्स, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स डिप्लॉयमेंट के लिए सबसे बड़े मार्केट्स में से एक हैं। कुछ ऑनलाइन सेलर्स पहले से ही पैकेज डिस्ट्रिब्यूशन के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। अब FedEx एक्सप्रेस ने भी इस दिशा में कदम उठाया है। इस एक्सप्रेस ट्रांसपोर्टेशन कंपनी ने भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) का ट्रायल शुरू करने की घोषणा की है। कंपनी का लक्ष्य साल 2040 तक कार्बन न्यूट्रल ऑपरेशंस हासिल करना है। इलेक्ट्रिक व्हीकल का ट्रायल बैंगलोर में अगले एक महीने में पूरा होने की उम्मीद है।
FedEx एक्सप्रेस के इंडिया ऑपरेशंस के वाइस प्रेसिडेंट मोहम्मद सईघ ने
कहा कि FedEx का मिशन दुनिया को जोड़ने का है। मुझे भारत में हमारे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ट्रायल के लॉन्च की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। उन्होंने बताया कि कंपनी का लक्ष्य साल 2040 तक कार्बन न्यूट्रल ऑपरेशंस को हासिल करना है। उन्होंने बताया कि हम भारत में ई-कॉमर्स की ग्रोथ के साथ ऐसे तरीके तलाश रहे हैं, जो पर्यावरण पर पड़ने वाले असर को कम करते हैं। उन्होंने कहा कि EV ट्रायल्स की शुरुआत हमें इसके कदम के करीब लेकर जाती है।
इस ट्रायल के तहत कंपनी व्हीकल्स की टेक्नॉलजी को परखेगी। पैकेज से भरी गाड़ियों कितनी प्रभावशाली हैं, यह भी देखा जाएगा। ट्रायल के रिजल्ट पॉजिटिव आते हैं, तो FedEx एक्सप्रेस के ट्रायल को दिल्ली में किया जाएगा। कंपनी साल 2040 तक जीरो-एमिशन इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के साथ अपने ग्लोबल पार्सल पिकअप और डिलीवरी (PUD) बेड़े में बदलाव का टारगेट लेकर आगे बढ़ रही है।
मौजूदा गाडि़यों को बदलने के लिए तय तरीके से गाड़ियों को इलेक्ट्रिक बनाने का टारगेट पूरा किया जा रहा है। कंपनी का लक्ष्य साल 2025 तक 50 फीसदी इलेक्ट्रिक गाडि़यां खरीदना है, ताकि FedEx एक्सप्रेस ग्लोबल PUD को नई दिशा दी जा सके। साल 2030 तक 100 प्रतिशत गाड़ियां इलेक्ट्रिक हो जाएंगी।
गौरतलब है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट कई देशों में तेज़ी से बदल रही है। भारत समेत कई बड़े बाज़ार हैं, जहां लोगों ने पेट्रोल व डीज़ल वाहनों के बदले अब इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) में रुचि दिखानी शुरू कर दी है। अब, एक लेटेस्ट रिपोर्ट से पता चला है कि यूरोपीय मार्केट में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की सेल ने पहली बार डीजल कारों की सेल को पीछे छोड़ दिया है। यूके सहित कुल 18 यूरोपीय बाजारों में बेचे गए वाहनों में से हर पांचवा व्हीकल इलेक्ट्रिक था, जबकि डीजल कारों की सेल में 19 प्रतिशत से कमी आई है।