इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स में लग रही आग की घटनाएं चिंता बढ़ा रही हैं। आए दिन मामले सामने आ रहे हैं और एक घटना में तो बुजुर्ग व्यक्ति की मौत भी हुई है। सरकार ने कमिटी बनाकर जांच शुरू कर दी है, लेकिन सवाल यही है कि आखिर ऐसी घटनाएं कब बंद होंगी। अब ओला इलेक्ट्रिक के चीफ एग्जीक्यूटिव ने एक प्राइवेट कंपनी इवेंट में कहा है कि भविष्य में भी इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लग सकती है, लेकिन ऐसी घटनाएं बहुत कम होंगी। गौरतलब है कि ओला इलेक्ट्रिक के स्कूटर में आग लगने के बाद यह मामला सुर्खियों में आया है। ओला इलेक्ट्रिक के अलावा, प्योर ईवी और ओकिनावा के स्कूटर भी बैटरी में विस्फोट या खामी की वजह से आग की चपेट में आए हैं।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, एक प्राइवेट इवेंट में आग लगने के बारे में पूछे जाने पर ओला इलेक्ट्रिक के चीफ एग्जीक्यूटिव भाविश अग्रवाल ने जवाब दिया कि ऐसी घटनाएं भविष्य में भी हो सकती हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि हमारी प्रतिबद्धता है कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम हर मामले का विश्लेषण करें और अगर कोई सुधार किया जाना है तो हम उसे ठीक करेंगे।
भाविश के अनुसार, इस तरह की घटनाएं बहुत ही कम देखने को मिलती हैं। उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल्स इंडस्ट्री में फायर सेफ्टी, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) से अलग एक व्यापक मुद्दा है। उन्होंने कहा कि EV इंडस्ट्री की तुलना में पेट्रोल से चलने वाले व्हीकल्स में क्वॉलिटी कंट्रोल रेगुलेशंस की ज्यादा जरूरत है। ओला ग्रुप के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर अरुण कुमार ने बताया कि इलेक्ट्रिक मॉडल की तुलना में गैसोलीन-बेस्ड स्कूटरों में अधिक आग लगी है और यह मुद्दा पूरी टू व्हीलर इंडस्ट्री से जुड़ा है।
ई-स्कूटर में आग लगने को जो जांच सरकारी स्तर पर चल रही है, उसके शुरुआती निष्कर्षों में ओला की बैटरी सेल्स और बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम में समस्या का पता चला है। हालांकि फर्म ने कहा है कि इसमें उसके बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम की कोई गलती नहीं थी। इसके अलावा, इंडियन स्टार्टअप- ओकिनावा और प्योरईवी के ई-स्कूटर में आग लगने की घटनाओं की भी जांच की जा रही है।
भाविश अग्रवाल ने कहा, कभी-कभी सेल में कुछ मामूली खराबी होगी, शायद कुछ और भी हो सकता है, जो इंटरनल शॉर्ट सर्किट की वजह बने। उन्होंने कहा कि सड़कों पर ओला के 50 हजार ई-स्कूटरों के बीच यह सिर्फ एक घटना थी। हालांकि इस घटना के बाद कंपनी ने 1,400 से ज्यादा ई-स्कूटर रिकॉल किए हैं और घटना के कारणों की जांच के लिए बाहरी एक्सपर्ट को नियुक्त किया है।