12 अप्रैल को 5 घंटे के लिए भारत में UPI इसलिए हो गया था डाउन...

कुछ मर्चेंट्स और PSP बैंक (UPI ऐप्स के बैंकिंग पार्टनर) ने सिस्टम को बार-बार चेक ट्रांजैक्शन रिक्वेस्ट भेजे, जबकि ऐसा करने की अनुमति सिर्फ हर 90 सेकंड में एक बार होती है।

12 अप्रैल को 5 घंटे के लिए भारत में UPI इसलिए हो गया था डाउन...

Photo Credit: NPCI

ख़ास बातें
  • मर्चेंट्स, PSP बैंक ने सिस्टम को कई बार चेक ट्रांजैक्शन रिक्वेस्ट भेजें
  • जबकि ऐसा करने की अनुमति सिर्फ हर 90 सेकंड में एक बार होती है
  • असली कारण की जानकारी कथित तौर पर रिपोर्ट में भी नहीं दी गई है
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12 अप्रैल को हुई UPI सर्विस में बड़ी आउटेज आई थी, जिसने देशभर में लोगों को कुछ घंटों के लिए परेशान कर दिया था। अब, इस आउटेज को लेकर नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने अपनी जांच रिपोर्ट शेयर की है। रिपोर्ट के मुताबिक, आउटेज की वजह UPI सिस्टम पर जरूरत से ज्यादा "Check Transaction" रिक्वेस्ट भेजा जाना था। यह भारी लोड न सिर्फ पेमेंट सर्वर को क्रैश के करीब ले गया, बल्कि करीब 5 घंटे तक करोड़ों लोगों को पेमेंट ट्रांजैक्शन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

मनीकंट्रोल की रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ मर्चेंट्स और PSP बैंक (UPI ऐप्स के बैंकिंग पार्टनर) ने सिस्टम को बार-बार चेक ट्रांजैक्शन रिक्वेस्ट भेजे, जबकि ऐसा करने की अनुमति सिर्फ हर 90 सेकंड में एक बार होती है। इसके बजाय, कुछ बैंक तो पुरानी ट्रांजैक्शन तक को बार-बार वेरिफाई करने लगे, जिससे पूरा नेटवर्क धीमा हो गया और ट्रांजैक्शन सक्सेस रेट अचानक 50% तक गिर गई।

आगे बताया गया है कि NPCI ने 12 अप्रैल की इस आउटेज के दौरान सुबह 11:40 बजे से लेकर दोपहर 4:40 बजे तक UPI पर ट्रांजैक्शन सक्सेस रेट में भारी गिरावट नोट की। पहले दो घंटे में सक्सेस रेट सिर्फ 50% रही, जबकि इसके बाद तीन घंटे तक यह 80% के करीब बनी रही। आखिरकार शाम 4:40 बजे सिस्टम फिर से सामान्य हो पाया।

इस घटना के दौरान कई PSP बैंक लगातार बिना जवाब का इंतजार किए ही UPI सिस्टम को "Check Transaction" API से रिक्वेस्ट भेजते रहे। जबकि NPCI के नियम कथित तौर पर कहते हैं कि यह कॉल 90 सेकंड के अंदर सिर्फ एक बार होनी चाहिए। बार-बार की गई इस कार्रवाई ने पूरे नेटवर्क में जाम जैसी स्थिति पैदा कर दी। नतीजतन न यूजर को पेमेंट का जवाब मिला, न ही बैंक समय पर ट्रांजैक्शन क्लियर कर पाए।

NPCI ने इस पर तुरंत ऐक्शन लेते हुए 4 बजे PSP बैंकों को चेक ट्रांजैक्शन कॉल रोकने के लिए कहा और 4:15 बजे एक टेम्पररी सॉल्यूशन भी सिस्टम में डाल दिया ताकि क्रॉस-साइट रिक्वेस्ट की बाढ़ रोकी जा सके। साथ ही सभी PSP और एक्वायरिंग बैंकों को हर 2 घंटे में भेजे जा रहे रॉ डेटा फाइल्स को ही ट्रांजैक्शन की फाइनल स्टेटस के लिए इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है, ना कि बार-बार सिस्टम को कॉल करके लोड बढ़ाने की।

हालांकि रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि ये ट्रांजैक्शन फेल क्यों हो रहे थे और किस वजह से शुरुआत में इतनी ज्यादा विफलताएं देखने को मिलीं। एक बैंक अधिकारी ने पब्लिकेशन को बताया कि असली कारण की जानकारी रिपोर्ट में भी नहीं दी गई है, जो कि सबसे जरूरी हिस्सा होना चाहिए था।
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नितेश पपनोई Nitesh has almost seven years of experience in news writing and reviewing tech products like smartphones, headphones, and smartwatches. At Gadgets 360, he is covering all ...और भी
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