माडिया में ऐसी खबरें आई हैं कि अगर आप किसी ब्लॉक वेबसाइट पर जाने की कोशिश करते हैं तो आपको 3 लाख रुपये का जुर्माना लेगेगा, या जेल भी हो सकती है। संभव है कि आपने हाल ही में प्रॉक्सी वेबसाइट या वीपीएन के जरिए टॉरेंट साइट इस्तेमाल करने की कोशिश की हो। क्या इस वजह से आपको वाकई में जेल होगी? आइए इसका खुलासा हम करते हैं।
कॉपीराइट के उल्लंघन को रोकने के मकसद से कोर्ट द्वारा दिए गए जॉन डोई के ऑर्डर का पालन करते हुए चुनिंदा वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया गया है। दरअसल में ताजा हंगामा बॉम्बे हाई कोर्ट के एक ऑर्डर को लेकर मचा है। यह ऑर्डर फिल्म 'ढिशूम' के प्रोड्यूसर के द्वारा दायर की गई अर्जी के संबंध में है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि वेबसाइट को ब्लॉक किए जाने वाले मैसेज की जगह इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनियों को एक विशेष मैसेज देना चाहिए। इसमें कॉपीराइट कानून के प्रावधानों, ऑर्डर और सूट नंबर का ज़िक्र होना चाहिए। इससे यूज़र को यह पता चल जाएगा कि उस पेज को क्यों ब्लॉक किया गया है।
हालांकि, टाटा ने कोर्ट में कहा कि इस तरह का विशेष मैसेज दे पाना तकनीकीतौर पर संभव नहीं होगा। कोर्ट ने आगे कहा कि उसे नहीं लगता है कि यह तकनीक तौर पर संभव नहीं है। और सभी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर में से टाटा को ही दिक्कत क्यों है। अंत में कोर्ट ने टाटा की बात मान ली जिसका ज़िक्र ऑर्डर के चौथे प्वाइंट किया गया है। लेकिन असमंजस की स्थिति टाटा द्वारा दिखाए जा रहे मैसेज से पैदा हुई है। ऑर्डर के पांचवें प्वाइंट ने टाटा द्वारा दिखाए जाने वाले मैसेज का ज़िक्र है। यह ऑर्डर सिर्फ टाटा के लिए है। इसी वजह से उस खास मैसेज को अन्य इंटनरेट सर्विस प्रोवाइडर द्वारा नहीं दिखाया जा रहा है।
अगर आप मैसेज पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि चेतावनी कॉपीराइट मेटेरियल को गैर-कानूनी तौर पर देखने के लिए है। सिर्फ उस यूआरएल पर जाने से, जहां पर पायरेटेड कंटेंट मौजूद है, आपको जेल नहीं होगी। अब सवाल यह है कि क्या आपको सिनेमा डाउनलोड करने पर जेल होगी? हां, ऐसा हो सकता है। गौर करने वाली बात है कि इस संबंध में कोई नया कानून नहीं बना है और कोर्ट ने भी कोई नया आदेश नहीं जारी किया है। पाइरेसी को लेकर यह आम किस्म की चेतावनी है, जो पहले भी दी जाती थी।
आप जान लीजिए कि सिर्फ किसी ब्लॉक किए गए वेबसाइट पर जाने से आपको जेल नहीं होगी। किसी एक्सट्राटॉरेंट वेबसाइट पर जाने के लिए अन्य किस्म तरीकों के बारे में जानने से भी आपको जेल नहीं होगी। अगर आप कोई कंटेंट डाउनलोड या स्ट्रीम करते हैं तो फिर परिस्थिति बदल जाती है। हकीकत तो यह है कि भारत में यह पहले से गैर-कानूनी रहा है, लेकिन इसको इस्तेमाल में कभी-कभार ही लाया गया है।
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