युवा प्रवर्तकों में उत्सुकता, रचनात्मकता व कल्पनाशीलता को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग ने देश में पहले 10 अटल टिंकरिंग लैब (एटीएल) की स्थापना के लिए मंगलवार को प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनी इंटेल इंडिया के साथ दो साल के स्टेट ऑफ इंटेंट (एसओआई) पर हस्ताक्षर किए। सरकार की महत्वाकांक्षी अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) के हिस्से के तहत इस समझौते से स्कूलों में प्रयोगशालाओं का निर्माण होगा, जिनका उद्देश्य 12-18 साल के छात्रों में कंप्यूटेशनल थिंकिंग, एडेप्टिव लर्निग, फिजिकल कंप्यूटिंग तथा एक डिजाइन मानसिकता का विकास करना होगा।
पांच साल की अवधि में देशभर के स्कूलों व समुदायों में 500 एटीएल के निर्माण में 1.5 करोड़ डॉलर खर्च होंगे और पहले 10 एटीएल बाकी 490 के लिए उदाहरण का काम करेंगे।
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कंठ ने यहां संवाददाताओं से कहा, "अटल टिंकरिंग लैब्स स्कूली छात्रों को औजारों व उपकरणों के साथ काम करने का मौका मिलेगा, जिससे आविष्कार को बढ़ावा मिलेगा। छात्र ज्ञान का आदान-प्रदान करने में सक्षम होंगे तथा क्षेत्रीय व राष्ट्र स्तरीय प्रतियोगिता, प्रदर्शनी, कार्यशाला, उत्पादों की डिजाइनिंग के माध्यम से एक दूसरे से सीखेंगे।"
राष्ट्रीय राजधानी में हस्ताक्षर समारोह के दौरान नीति आयोग के कार्यालय में कंठ, इंटेल कॉरपोरेशन में उपाध्यक्ष (कॉरपोरेट मामले) व इंटेल फाउंडेशन के अध्यक्ष रोसालिंड हुडनेल तथा कॉरपोरेट मामलों के समूह के निदेशक, इंटेल दक्षिण एशिया के किशोर बालाजी सहित कई लोग मौजूद थे।
हुडनेल ने कहा, "समस्त देश में टिंकरिंग लैब्स स्थापित करने के लिए अटल इनोवेशन मिशन का हिस्सा होने पर हमें गर्व है। इससे देश भर के लाखों बच्चों को कौशल विकसित करने में मदद मिलेगी, ताकि वे भविष्य के प्रतियोगी माहौल के लिए तैयार हो सकें।"
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