Microsoft की लेटेस्ट रिसर्च से ये साफ होता जा रहा है कि AI, खासतौर पर Copilot जैसे चैटबॉट्स, अब सिर्फ रिसर्च या टूल नहीं रहे, बल्कि ये असल कामकाजी दुनिया को भी बदलने की दिशा में बढ़ रहे हैं।
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Microsoft की लेटेस्ट रिसर्च से ये साफ होता जा रहा है कि AI, खासतौर पर Copilot जैसे चैटबॉट्स, अब सिर्फ रिसर्च या टूल नहीं रहे, बल्कि ये असल कामकाजी दुनिया को भी बदलने की दिशा में बढ़ रहे हैं।
Microsoft की लेटेस्ट रिसर्च से ये साफ होता जा रहा है कि AI, खासतौर पर Copilot जैसे चैटबॉट्स, अब सिर्फ रिसर्च या टूल नहीं रहे, बल्कि ये असल कामकाजी दुनिया को भी बदलने की दिशा में बढ़ रहे हैं। कंपनी ने अपनी Bing Copilot चैटबॉट सर्विस पर हुए 2 लाख से ज्यादा अनोनिमाइज्ड इंटरैक्शन को स्टडी किया, जिससे यह समझने की कोशिश की गई कि किन जॉब्स में AI सबसे ज्यादा असर डाल सकता है। इस स्टडी का नाम "Working with AI: Measuring the Occupational Implications of Generative AI" है और यह फिलहाल प्री-प्रिंट फॉर्म में उपलब्ध है।
माइक्रोसॉफ्ट की 41 पन्नों की स्टडी बताती है कि Copilot जैसे AI टूल्स सबसे ज्यादा मदद राइटिंग, रिसर्च और बाहरी कम्युनिकेशन जैसे टास्क में करते हैं। यानी, जिन नौकरियों में रोज का काम इन टाइप्स का होता है, जैसे कंटेंट राइटिंग, कस्टमर सपोर्ट, ट्रांसलेशन या सेल्स। इन जॉब्स में AI का यूसेज ज्यादा देखा गया। वहीं, जो काम फिजिकल लेबर या हेल्थकेयर सपोर्ट से जुड़े हैं, उन पर AI का असर बहुत कम या लगभग ना के बराबर पाया गया।
Microsoft के रिसर्चर किरण टॉमलिंसन और उनकी टीम का कहना है कि यह मान लेना कि “AI किसी काम को कर सकता है, तो वह इंसान की जगह ले लेगा" एक जल्दबाजी होगी। उनका कहना है कि कई जॉब्स में AI टास्क की मदद कर सकता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वो पूरा जॉब खुद कर लेगा। उदाहरण के लिए, ऑटोमेटेड टेलर मशीनें (ATMs) के आने के बाद बैंक ब्रांचेज और टेलर की संख्या में उल्टा इजाफा ही हुआ था।
रिसर्च में एक नया "AI Applicability Score" तैयार किया गया, जो ये बताता है कि किसी जॉब प्रोफाइल के टास्क AI की क्षमताओं से कितने मेल खाते हैं। इस स्कोर के आधार पर देखा गया कि AI का इस्तेमाल ज्यादातर उन जॉब्स में ज्यादा कारगर है जहां बैचलर्स डिग्री या उससे ऊपर की पढ़ाई जरूरी होती है।
रिपोर्ट में बताया गया कि इंटरप्रेटर्स, हिस्टोरियन्स, राइटर्स और कस्टमर सर्विस जैसे प्रोफेशन में AI का सबसे ज्यादा स्कोप है। वहीं दूसरी ओर, जो नौकरियां पूरी तरह फिजिकल लेबर या मशीन ऑपरेशन पर आधारित हैं, जैसे पाइल ड्राइवर ऑपरेटर्स, हाउसकीपर्स, मसाज थेरेपिस्ट, डिशवॉशर्स फाउंड्री मोल्ड मेकर्स या रेल ट्रैक वर्कर्स, वहां AI का रोल बहुत लिमिटेड है।
रिसर्चर्स ने ये भी माना कि उनके आंकड़े सिर्फ Bing Copilot से लिए गए हैं और इस टूल का सर्च इंजन से जुड़ा होना शायद इंफोर्मेशन गैदरिंग जैसे टास्क को अधिक दर्शाता है। दूसरे AI चैटबॉट्स जैसे Claude पर कंप्यूटर और मैथ रिलेटेड यूसेज ज्यादा पाया गया।
इस सवाल का सीधा जवाब रिसर्च में नहीं दिया गया है। रिपोर्ट का फोकस इस पर था कि AI किन जॉब्स में “मदद” कर सकता है, न कि उन्हें पूरी तरह से रिप्लेस करने की बात। यानी, अभी के लिए अगर आप कंटेंट क्रिएशन, ट्रांसलेशन या कम्युनिकेशन जैसे फील्ड में हो, तो आपको AI को समझना और उसके साथ काम करना आना चाहिए, पर डरने की कोई बात नहीं है।
Microsoft की रिसर्च टीम ने जुलाई 2025 में यह रिपोर्ट प्री-प्रिंट रूप में जारी की, जिसमें 2 लाख से ज्यादा Bing Copilot चैट्स को स्टडी किया गया।
इसका मकसद ये समझना था कि किन जॉब्स और टास्क्स में AI सबसे ज्यादा "अप्लिकेबल" है, यानी किस काम में AI से मदद ली जा सकती है।
नहीं। रिसर्चर्स ने साफ कहा कि रिपोर्ट सिर्फ AI की मदद की क्षमता दिखाती है, यह भविष्यवाणी नहीं करती कि कौन सी जॉब खत्म होगी।
Content Writing, Translation, Sales, Customer Service, और Communication से जुड़ी जॉब्स में सबसे ज्यादा AI एप्लिकेबिलिटी पाई गई।
कंस्ट्रक्शन, मशीन ऑपरेशन, खेती जैसे फिजिकल लेबर वाले प्रोफाइल्स पर AI का असर बेहद कम है।
हां, रिपोर्ट में यूज किया गया डेटा सिर्फ Bing Copilot के चैट इंटरैक्शन से लिया गया है, जिससे रिजल्ट्स पर इसका असर हो सकता है।
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