रूस ने Twitter, Facebook की पेरेंट कंपनी Meta और TikTok जैसे सोशल मीडियो प्लेटफॉर्म्स पर जुर्माना लगाया है। मॉस्को की कोर्ट ने कहा कि इन विदेशी टेक फर्मों पर यह जुर्माना उनके प्लेटफॉर्म से उस कंटेंट को नहीं हटाने के लिए लगाया गया है जो रूस की सरकार के अनुसार अवैध है।
रूस की सरकार ने इस साल बड़ी टेक कंपनियों के लिए सख्त रवैया रखा है। सरकार एक अभियान के तहत इंटरनेट को सख्ती से कंट्रोल करने के लिए कंपनियों पर दबाव बढ़ाया है। इसके आलोचकों का कहना है कि इस कदम से निजी और कॉरपोरेट स्वतंत्रता का गला घोंटा जा रहा है।
रूस की न्यूज़ एजेंसियों के अनुसार, मॉस्को की टैगांस्काई डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने कहा कि Meta प्लेटफॉर्म पर अवैध कंटेंट डिलीट नहीं करने के लिए कुल 13 लाख रशियन रूबल (लगभग 1.3 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना तीन अलग-अलग एडमिनिस्ट्रेटिव केस में लगाया गया है। Twitter और TikTok पर भी जुर्माना लगा है।
Twitter, Facebook, और TikTok की ओर से इसे लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। इसी महीने मेटा और अल्फाबेट की Google को भी इसी तरह के एक केस का सामना करना पड़ा था। इन कंपनियों पर कंटेंट को लेकर रूस के कानून का बार बार उल्लंघन करने का आरोप है और इस वजह से इनके सालाना रेवेन्यू का कुछ प्रतिशत जुर्माने के रूप में वसूला जा सकता है।
रूस के कम्यूनिकेशन रेगुलेटर Roskomnadzor ने कहा है कि उसने Twitter की स्पीड को कम कर दिया है। रूस में चाइल्ड पोर्नोग्राफी, नशीले पदार्थों की जानकारी और नाबालिगों को आत्महत्या के लिए उकसाने वाली पोस्ट जैसे कंटेंट को लेकर रेगुलेटर ने दंडात्मक कार्रवाई करते हुए ऐसा किया है। Twitter ने इस बात से इनकार करते हुए कहा है कि उसके प्लेटफॉर्म पर किसी भी गैर कानूनी व्यवहार को बढ़ावा नहीं दिया गया।
रूस ने मांग की है कि अमेरिकी कंपनियों सहित 13 विदेशी कंपनियों से 1 जनवरी तक रूस में अपना सेटअप करने को कहा है। ऐसा न होने पर इन कंपनियों पर बैन लग सकता है। इस लिस्ट में फेसबुक, ट्विटर और टिकटॉक शामिल हैं।