सोशल मीडिया साइट Facebook को चलाने वाली Meta ने अगले वर्ष कंपनी के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर के तौर पर Mark Zuckerberg के इस्तीफा देने से इनकार किया है। इस महीने की शुरुआत में कंपनी ने 11,000 से अधिक वर्कर्स की छंटनी करने की घोषणा की थी।
न्यूज वेबसाइट The Leak ने कंपनी से जुड़े एक सूत्र के हवाले से जकरबर्ग के अगले वर्ष इस्तीफा देने की
रिपोर्ट पब्लिश की थी। इसके बाद मेटा के शेयर का प्राइस लगभग एक प्रतिशत बढ़ा था। इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए मेटा के प्रवक्ता Andy Stone ने एक ट्वीट में इसे गलत बताया। मेटा की वैल्यू कभी एक लाख करोड़ डॉलर से अधिक की थी। यह घटकर लगभग 256 अरब डॉलर रह गई है। कंपनी की वैल्यू में इस वर्ष 70 प्रतिशत से अधिक की कमी हुई है। मेटा से 11,000 से अधिक वर्कर्स को बाहर किया जा रहा है। यह कंपनी की कुल
वर्कफोर्स का लगभग 13 प्रतिशत है। कंपनी को कॉस्ट बढ़ने और विज्ञापनों में कमजोरी जैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
महामारी के दौरान टेक कंपनियों का बिजनेस तेजी से बढ़ा था और इसका असर उनके वैल्यूएशंस पर भी दिखा था। इस वर्ष इन्फ्लेशन और इंटरेस्ट रेट्स में बढ़ोतरी से इन कंपनियों के वैल्यूएशंस में काफी गिरावट आई है। इस बारे में जकरबर्ग ने स्टाफ को एक मैसेज में बताया था, "मैक्रो इकोनॉमिक स्थितियों के कमजोर होने, कॉम्पिटिशन बढ़ने और विज्ञापनों में कमी से हमारा रेवेन्यू अनुमान से बहुत कम रहा है। मुझसे गलती हुई है और मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं।" उन्होंने कहा था कि कंपनी को अपने रिसोर्सेज AI, विज्ञापनों और मेटावर्स प्रोजेक्ट जैसे ग्रोथ की अधिक संभावना वाले एरिया में लगाने की जरूरत है।
कंपनी से हटाए जाने वाले स्टाफ को 16 सप्ताह की बेस पे के साथ ही प्रत्येक वर्ष की सर्विस के लिए दो अतिरिक्त सप्ताह की बेस पे दी जाएगी। इसके अलावा छह महीने की हेल्थकेयर कॉस्ट का भी कंपनी भुगतान करेगी। मेटा ने बताया कि वह गैर जरूरी खर्च को घटाने के साथ ही अगले वर्ष की पहली तिमाही तक हायरिंग को रोकने की भी योजना बना रही है। मेटा ने कई वर्षों तक ग्रोथ की थी लेकिन इस वर्ष की शुरुआत में उसके प्रति दिन के यूजर्स में पहली बार कमी हुई थी।
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