देश की सबसे बड़ी कार मेकर Maruti Suzuki ने CNG जैसे पर्यावरण के अनुकूल फ्यूल के विकल्पों पर जोर देने की योजना बनाई है। पैसेंजर व्हीकल्स के CNG सेगमेंट में कंपनी की सबसे अधिक हिस्सेदारी है। इसके पास पेट्रोल इंजनों के साथ CNG किट्स वाले व्हीकल्स मौजूद हैं।
कंपनी ने मौजूदा वित्त वर्ष में CNG व्हीकल्स की छह लाख यूनिट्स बेचने का टारगेट रखा है। पिछले वित्त वर्ष में पहली बार CNG पर चलने वाले व्हीकल्स की संख्या पांच लाख यूनिट्स से अधिक रही थी।
मारूति सुजुकी ने इसमें से 4.8 लाख से अधिक यूनिट्स की बिक्री की थी। इस सेगमेंट में कंपनी की हिस्सेदारी लगभग 73 प्रतिशत की है। पिछले वित्त वर्ष में मारूति सुजुकी की कुल
बिक्री में CNG व्हीकल्स का योगदान लगभग 25 प्रतिशत का था।
मारूति सुजुकी के चेयरमैन, R C Bhargava ने बताया कि हाइब्रिड व्हीकल्स पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) को लेकर सरकार की योजना के बारे में जानने के लिए कंपनी कुछ महीनों का इंतजार करेगी। उन्होंने कहा कि हाइब्रिड व्हीकल्स पर GST के 43 प्रतिशत पर बरकरार रहने या रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज मिनिस्टर Nitin Gadkari के अनुसार, इसे घटाकर 12 प्रतिशत करने से बड़ा अंतर होगा। मारूति सुजुकी की कुल मैन्युफैक्चरिंग तीन करोड़ यूनिट्स को पार कर गई है। कंपनी ने दिसंबर 1983 में देश में मैन्युफैक्चरिंग शुरू की थी। इसके पास हरियाणा के गुरूग्राम और मानेसर और गुजरात के हंसलपुर में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं। कंपनी ने 1994 में 10 लाख यूनिट्स की मैन्युफैक्चरिंग की थी। इसके बाद अप्रैल 2005 में यह एक करोड़ यूनिट्स की मैन्युफैक्चरिंग की गई थी।
इसने 2.68 करोड़ यूनिट्स से अधिक की मैन्युफैक्चरिंग हरियाणा के प्लांट्स और 32 लाख यूनिट्स से अधिक की गुजरात में की है। कंपनी को इस उपलब्धि तक पहुंचाने में मारूति 800 का बड़ा योगदान रहा है। इसकी 29 लाख से अधिक यूनिट्स बेची गई हैं। इसके अन्य सफल मॉडल्स में Alto 800, Alto K10, Swift, Wagon R, Dzire, Omni, Baleno, Eeco, Brezza और Ertiga शामिल हैं। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर, Hisashi Takeuchi ने कहा था, "हम 'मेक इन इंडिया' को लेकर प्रतिबद्ध हैं। भारत से व्हीकल्स के कुल एक्सपोर्ट में हमारा योगदान लगभग 40 प्रतिशत का है।" मारूति सुजुकी ने 1987 में एक्सपोर्ट की शुरुआत की थी। पिछले वित्त वर्ष में कंपनी ने 17,59,881 यूनिट्स के साथ अपनी सबसे अधिक सेल्स की है।