देश की सबसे बड़ी कार मेकर Maruti Suzuki ने कहा है कि इलेक्ट्रिकॉनिक कंपोनेंट्स की कमी से दिसंबर में कंपनी के प्रोडक्शन पर असर पड़ सकता है। पिछले महीने भी प्रोडक्शन पर इन कंपोनेंट्स की कमी का कुछ असर पड़ा था। हालांकि, नवंबर में कंपनी का कुल प्रोडक्शन लगभग पांच प्रतिशत बढ़कर 1,51,326 यूनिट्स का रहा था।
कंपनी को दिसंबर में इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स की कमी से प्रोडक्शन पर असर पड़ने का अनुमान है और यह इसे न्यूनतम करने के लिए उपाय कर रही है। कंपनी ने नवंबर में 21,904 स्मॉल कारों का प्रोडक्शन किया था। यह आंकड़ा पिछले वर्ष के इसी महीने में 19,810 यूनिट्स का था। हालांकि, यूटिलिटी व्हीकल्स का प्रोडक्शन 35,590 यूनिट्स से घटकर 29,294 यूनिट्स रहा था।
मारुति अगले वर्ष की शुरुआत से अपनी कारों के
प्राइसेज बढ़ाने की तैयारी कर रही है। कंपनी ने बताया कि इन्फ्लेशन और हाल के रेगुलेटरी नियमों से कॉस्ट बढ़ने के कारण उसे यह फैसला लेना पड़ा है। सितंबर तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट लगभग चार गुना बढ़कर 2,061 करोड़ रुपये से अधिक रहा था। कंपनी ने रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया है, "इन्फ्लेशन और हाल के रेगुलेटरी नियमों के कारण कंपनी पर कॉस्ट बढ़ने का प्रेशर है। इस वजह से इसका कुछ भार प्राइस बढ़ाने के जरिए कम करना जरूरी हो गया है। कंपनी ने अगले वर्ष जनवरी से प्राइस में बढ़ोतरी करने की योजना बनाई है। यह कारों के मॉडल्स के अनुसार अलग होगी।"
कुछ अन्य ऑटोमोबाइल कंपनियां भी अपनी कारों के प्राइस बढ़ा सकती है। टू-व्हीलर मेकर हीरो मोटोकॉर्प ने भी बाइक और स्कूटर के प्राइसेज बढ़ाने की घोषणा की है। मारुति की नवंबर में
बिक्री बढ़कर लगभग 1.60 लाख यूनिट्स की रही। यह पिछले वर्ष इसी महीने की तुलना में लगभग 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। कंपनी को इस वर्ष Baleno और Grand Vitara के नए वेरिएंट्स के लॉन्च से बिक्री बढ़ाने में मदद मिली है। स्मॉल कार सेगमेंट में अपना दबदबा बनाने के बाद कंपनी ने नई जेनरेशन Brezza जैसे लॉन्च के साथ SUV पर फोकस शुरू किया है। कंपनी के लिए टॉप इंटरनेशनल मार्केट्स में लैटिन अमेरिका, आसियान और मिडल ईस्ट शामिल हैं। मारुति की Dzire, Swift, S-Presso और Baleno जैसी कारों की विदेश में काफी डिमांड है। कंपनी ने सितंबर में नई Grand Vitara को लॉन्च किया था।