एक शख्स ने दावा किया है कि उसके डॉगी की बीमारी का पता डॉक्टरों से पहले
ChatGPT (चैट जीपीटी) ने लगा लिया। यह एक डीप मशीन लर्निंग बेस्ड चैटबॉट है। चैट जीपीटी का पूरा नाम है- चैट जेनरेटिव प्रीट्रेंड ट्रांसफाॅर्मर। चैट जीपीटी को डेवलप किया है ओपन एआई (Open AI) नाम की कंपनी ने। चैट जीपीटी का काम है किसी यूजर द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब तैयार करके देना। कूपर नाम के एक ट्विटर यूजर का कहना है कि चैट जीपीटी ने उनके डॉगी की ब्लड कंडीशन का पता लगाकर उसकी जान बचाई है। शख्स का दावा है कि पशु चिकित्सक बीमारी को नहीं पहचान पाए थे।
@peakcooper ट्विटर हैंडल के जरिए कूपर ने इस घटना के बारे में विस्तार से बताया है। लिखा है कि उनके कुत्ते सैमी में एक टिक बोर्न डिजीज का पता चला। डॉक्टर को दिखाया और इलाज शुरू किया, लेकिन फायदा होने के बजाए लक्षण बिगड़ते चले गए। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, #GPT4 ने मेरे कुत्ते की जान बचाई।
‘मेरे कुत्ते को बीमारी हुई, तो पशुओं के डॉक्टर ने उसका इलाज शुरू किया। उसे गंभीर एनीमिया था। इलाज के बाद कुछ दिन तो सैमी की सेहत में सुधार दिखा, लेकिन फिर चीजें बदतर हो गईं।' कूपर के मुताबिक, उनके डॉगी के मसूड़े बहुत पीले हो गए थे। वह दोबारा डॉक्टर के पास गए। सैमी का ब्लड टेस्ट हुआ, जिसमें और भी गंभीर एनीमिया का पता चला। डॉक्टर ने कई और टेस्ट किए, जिससे पता चल सके कि कोई अन्य बीमारी तो नहीं है डॉगी को।
कुछ दिन बाद कूपर दोबारा डॉक्टर के पास गए। डॉक्टर आगे का इलाज करने में असमर्थ थे। उन्होंने इंतजार करने को कहा। कूपर ने बताया है कि सैमी की हालत और बदतर हो रही थी। डॉक्टर सिर्फ इंतजार करने के लिए कह रहे थे, जो कूपर को मंजूर नहीं था। वह दूसरे डॉक्टर के पास पहुंचे। इस बीच, कूपर को लगा कि चैटजीपीटी 4 की मदद इस मामले में लेनी चाहिए। उन्होंने एआई को इस बारे में विस्तार से बताया।
कूपर ने अपने डॉगी के ब्लड टेस्ट के रिजल्ट लिखे और चैटजीपीटी से डायग्नोसिस के लिए कहा। चैटजीपीटी ने कहा कि वह पशु चिकित्सक नहीं है। हालांकि एआई ने कूपर को सुझाव दिया कि डॉगी के ब्लड टेस्ट और उसमें दिख रहे लक्षण ‘इम्युन मीडिएटेड हेमोलिटिक एनीमिया' (आईएमएचए) का संकेत दे सकते हैं। कूपर ने यह बात डॉक्टर को बताई। डॉक्टर ने भी यही कन्फर्म किया और इलाज शुरू किया। कूपर का दावा है कि अब उनका डॉगी सैमी ठीक है।