ChatGPT की तरह बोलने लगे हैं इंसान, स्टडी में हुआ खुलासा

AI ने आने के मानव के जीवन में बहुत बदलाव किया है वह उसके द्वारा दिखाए जाने वाले शब्दों का अधिक उपयोग कर रहा है।

ChatGPT की तरह बोलने लगे हैं इंसान, स्टडी में हुआ खुलासा

Photo Credit: Unsplash/ julien Tromeur

ChatGPT के उपयोग से कुछ शब्द लोकप्रिय हुए हैं।

ख़ास बातें
  • AI ने आने के मानव के जीवन में बहुत बदलाव किया है।
  • ChatGPT जैसे AI चैटबॉट्स ने मानवों के संवाद के तरीके में बदलाव किया है।
  • मानवों ने ChatGPT की तरह ज्यादा बात करना शुरू कर दिया है।
विज्ञापन
AI ने आने के मानव के जीवन में बहुत बदलाव किया है और इससे बचा नहीं जा सकता है। अब एक नई स्टडी में दावा हुआ है कि ChatGPT जैसे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) चैटबॉट्स के आने से मानवों के एक-दूसरे के साथ बात करने के तरीके में बदलाव हुआ है। जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट के रिसर्चर ने देखा कि मानवों ने ChatGPT की तरह ज्यादा बात करना शुरू कर दिया है, जबकि इसका उलट होना चाहिए था। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

रिसर्चर ने कुछ GPT शब्दों की फ्रीक्वेंसी का पता लगाने के लिए ChatGPT के रिलीज होने से पहले और बाद के 3,60,000 से ज्यादा यूट्यूब वीडियो और 7,71,000 पॉडकास्ट एपिसोड को देखा और विश्लेषण किया। नतीजों से सामने आया कि जब से चैटजीपीटी लोकप्रिय हुआ है, लोग कुछ शब्दों का उपयोग ज्यादा बार कर रहे हैं जो कि AI द्वारा तैयार टेक्स्ट में आमतौर पर नजर आते हैं। प्रीप्रिंट सर्वर arXiv में पब्लिश इस स्टडी में पता चला है कि ChatGPT के आने के बाद मानवों ने ChatGPT द्वारा सबसे ज्यादा दिखाए जाने वाले शब्दों जैसे कि डेल्व, कॉम्प्रिहेंसिव, बोस्ट, स्विफ्ट और मेटिकुलस के उपयोग में एक बड़ी वृद्धि देखी है।

इससे पता चलता है कि मशीनें आमतौर पर मानवीय डाटा से सीखती हैं और बाद में अपने खासियतों के साथ उन्हें प्रदान करती हैं। ये मानव संस्कृति को एक प्रकार से अलग रूप से दे सकती हैं। यह एक नई शुरुआत का प्रतीक है जिसमें जानकारी मनुष्यों और मशीनों के बीच बायडायरेक्शनल तरीके से प्रसारित होती हैं। हालांकि, पहले आई स्टडी से पता चला था कि AI टेक्नोलॉजी मानवों द्वारा लिख कर किए जाने वाले संचार को प्रभावित कर रही थी। मगर यह पहली बार है कि रिसर्च ने मौखिक संचार पर होने पर प्रभाव को भी बताया है।

ChatGPT या अन्य कोई भी AI मॉडल वेबसाइट, पुस्तकों, फोरम, विकिपीडिया और अन्य सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध रिसोर्स का उपयोग करके बड़े स्तर पर डाटा से सीखता है। फिर इसे नए तरीके से रिफाइन किया जाता है ताकि सीखने में काम आ सके। फिर आखिर में परिणाम कुछ ऐसे होते हैं जो कि भाषागत स्तर के साथ मानव जीवन में उपयोग होने वाले होते हैं, जो आम इंसान के संचार से काफी अलग होते हैं।

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

साजन चौहान

साजन चौहान Gadgets 360 में सीनियर सब एडिटर हैं। उन्हें विभिन्न प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Vivo Y400 5G Sale Live: लिमिटेड टाइम के लिए 10% डिस्काउंट, 1 साल की फ्री एक्सिडेंटल वारंटी, यहां से खरीदें
  2. Amazon Great Freedom Festival Sale: हेडफोन्स और TWS ईयरफोन्स पर बड़ा डिस्काउंट
  3. Instagram पर रील्स कर पाएंगे रीपोस्ट, गूगल मैप की तरह लोकेशन भी होगी शेयर, जानें कैसे
  4. Samsung Galaxy A17 5G: 5000mAh बैटरी, 50MP कैमरा के साथ आया सैमसंग का 'बजट' स्मार्टफोन, जानें कीमत
  5. इंतजार खत्म! लीक हुई iPhone 17 लाइनअप की लॉन्च डेट, इस बार Air नाम का मॉडल भी आएगा
  6. Amazon Great Freedom Festival Sale 2025: 24 हजार रुपये सस्ता मिल रहा Samsung का फ्लैगशिप फोन
  7. Amazon Great Freedom Festival Sale 2025: 5G फोन का मजा बस Rs 7,599 में! इस Redmi डील को करें चेक
  8. अब लाल बत्ती भी हुई AI से लैस, अमेरिका के बाद अब भारत में भी ट्रैफिक देखकर सिग्नल होगा पास
  9. Vivo Y400 5G vs iQOO Z10R 5G vs OnePlus Nord CE 5 5G: 25 हजार में कौन सा है बेस्ट
  10. Xiaomi ने Smart Outdoor Camera 4 Pro किया लॉन्च, रात में करेगा तगड़ी निगरानी, जानें फीचर्स
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »