भारत में पिछले कुछ वर्षों में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) पेमेंट की वॉल्यूम में जबरदस्त तेजी आई। डिजिटल पेमेंट के इस तरीके ने ना केवल भारत, बल्कि दुनिया के कई अन्य देशों को इंप्रेस किया है। हाल ही में UPI सर्विस को श्रीलंका और मॉरीशस में लॉन्च किया गया। वहीं, इससे पहले इसे फ्रांस में पेश किया गया था। यदि हालिया खबरों के सामने आने के बाद आपको यह लगता है कि UPI भारत के अलावा केवल फ्रांस, श्रीलंका और मॉरीशस में उपलब्ध है, तो आप गलत हैं। बता दें कि कुछ अन्य देश भी हैं, जहां भारतीय इस डिजिटल पेमेंट सिस्टम का फायदा उठा सकते हैं।
UPI के जरिए आप फ्रांस,
श्रीलंका और मॉरीशस के साथ-साथ UAE (संयुक्त अरब अमीरात), सिंगापुर, नेपाल और भूटान में भी पेमेंट की जा सकती है। इसकी जानकारी भारत सरकार के ऑफिशियल X हैंडल पर भी दी गई, जहां बीते शुक्रवार एक पोस्ट शेयर करते हुए MyGovIndia ने बताया कि UPI अब पूरी तरह से
ग्लोबल हो गया है और भारत के अलावा, इसका फायदा सात अन्य देशों में भी उठाया जा सकता है।
UPI को 2016 में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा लॉन्च किया गया था और तब से इसने तेजी से गति पकड़ी है। पिछले साल नवंबर में इसने नया रिकॉर्ड बनाया था। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों से पता चला था कि नवंबर 2023 में यूपीआई ट्रांजैक्शंस ने 17.4 लाख करोड़ रुपये का नया रिकॉर्ड बनाया। साथ ही 11 अरब वॉल्यूम की संख्या को भी पार कर लिया। इसकी तुलना नवंबर 2022 महीने से की जाए तो यूपीआई ट्रांजैक्शन 54 फीसदी बढ़ा था, जबकि उसकी वैल्यू में 46% की बढ़ोतरी देखी गई थी।
पिछले कुछ महीनों में देश में डिजिटल रुपये का दायरा भी बढ़ा है। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या ई-रुपये को कैश के डिजिटल विकल्प के तौर पर डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी के जरिए तैयार किया गया है। ई-रुपये का ट्रायल RBI ने शुरू किया था। हालांकि, इसके बाद पिछले वर्ष अक्टूबर तक ये ट्रांजैक्शंस लगभग 25,000 प्रति दिन तक पहुंची थी। इसका यूज केस भी बढ़ाया गया था और इसे बड़ी संख्या में इस्तेमाल होने वाले यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) से जोड़ा गया था।