सिक्योरिटीज एंड एक्चेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने केवाईसी (KYC) रजिस्ट्रेशन एजेंसियों (KRAs) को सभी प्रकार के साइबर हमलों, खतरों और साइबर ब्रीच की सूचना इनका पता लगने के 6 घंटे के अंदर देने को कहा है। सेबी के मंगलवार को जारी सर्कुलर के अनुसार, इस तरह के मामलों की जानकारी इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम (CERT-In) को भी समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों के तहत देनी होगी।
इसके अलावा, केआरए को इस तरह के मामलों के बारे में नेशनल क्रिटिकल इन्फर्मेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (NCIIPC) को भी सूचित करना होगा। सेबी ने मंगलवार को कहा कि सभी साइबर हमलों, खतरों और ब्रीच के बारे में केआरए को 6 घंटे में सूचित करना होगा।
शेयर ब्रोकरों तथा डिपॉजिटरी भागीदारों को तिमाही रिपोर्ट में साइबर हमलों, जोखिमों और इसके ब्रीच की जानकारी देनी होगी और यह बताना होगा कि इससे निपटने के क्या उपाय किए गए। यह रिपोर्ट सेबी को हर तिमाही के समाप्त होने के 15 दिन के अंदर देनी होगी। सेबी के पास यह सूचना एक ई-मेल आईडी के जरिए दी जाएगी। नियामक ने पिछले महीने शेयर ब्रोकरों और डिपॉजिटरी भागीदारों के लिए भी इसी तरह के निर्देश जारी किए थे।
इस मामले में 11 इंटरनेशनल बॉडीज जिनमें गूगल, फेसबुक और एचपी जैसे टेक दिग्गज शामिल है, उन्होंने सीईआरटी-इन के महानिदेशक संजय बहल को अपनी चिंता से अवगत कराया था। कहा गया था कि नया निर्देश जिसमें 6 घंटे के अंदर साइबर हमले की घटनाओं की रिपोर्टिंग करनी है और यूजर्स के लॉग को 5 साल के लिए स्टोर करना है, उससे इन कंपनियों के लिए देश में कारोबार करना मुश्किल हो जाएगा।
गौरतलब है कि साइबर अटैक दुनियाभर के देशों के लिए चिंता की वजह बन रहे हैं। अमेरिका समेत तमाम देश इनसे निपटने के लिए कदम उठा रहे हैं। इसी क्रम में भारत सरकार और उसकी एजेंसियां भी एक्शन ले रही हैं। अमेरिका में इसको लेकर टॉप लेवल की मीटिंग इस साल की शुरुआत में आयोजित हुई थी। इस साल की शुरुआत में वाइट हाउस में Google, ऐपल और एमेजॉन जैसी कंपनियों के प्रतिनिधि जुटे थे। मीटिंग में साइबर हमलों से निपटने पर चर्चा हुई थी। कई और देश भी इसको लेकर काम कर रहे हैं।