• होम
  • इंटरनेट
  • ख़बरें
  • लोगों का ऑनलाइन उत्‍पीड़न करने वाले प्‍लेटफॉर्म Kiwi Farms पर हैकर्स का धावा, जानें पूरा मामला

लोगों का ऑनलाइन उत्‍पीड़न करने वाले प्‍लेटफॉर्म Kiwi Farms पर हैकर्स का धावा, जानें पूरा मामला

कीवी फार्म के प्रमुख ने बताया है कि उनकी वेबसाइट को ब्रीच का सामना करना पड़ा है। वेबसाइट को किसी ने हैक कर लिया है और हैकर्स एडमिनिस्‍ट्रेटर अकाउंट और संभवत: बाकी यूजर्स के अकाउंट तक पहुंचने में कामयाब रहे हैं।

लोगों का ऑनलाइन उत्‍पीड़न करने वाले प्‍लेटफॉर्म Kiwi Farms पर हैकर्स का धावा, जानें पूरा मामला

कीवी फार्म के मौजूदा स्‍वरूप की शुरुआत साल 2013 में हुई थी। जल्दी ही यह प्‍लेटफॉर्म ऑनलाइन उत्पीड़न अभियानों का केंद्र बन गया।

ख़ास बातें
  • फोरम को हैक कर लिया गया था
  • सबकुछ रीफॉर्मेट करने की बात कही गई है
  • सिक्‍योरिटी के मूल्‍यांकन की बात भी कही गई है
विज्ञापन
इंटरनेट फोरम ‘कीवी फार्म' (Kiwi Farms) पर हैकर्स ने धावा बोला है। एक ब्‍लॉग पोस्‍ट में ‘कीवी फार्म' ने उसके साथ हुए डेटा ब्रीच की जानकारी देते हुए यूजर्स के पासवर्ड और ईमेल अड्रेस चोरी होने की बात कही है। ‘कीवी फार्म' एक ऐसा प्‍लेटफॉर्म है, जिसे विशेष रूप से LGBTQ कम्‍युनिटी की महिलाओं और लोगों को टार्गेट करते हुए हैरसमेंट कैंपेन ऑर्गनाइज करने के लिए जाना जाता है। कीवी फार्म के प्रमुख ने बताया है कि उनकी वेबसाइट को ब्रीच का सामना करना पड़ा है। वेबसाइट को किसी ने हैक कर लिया है और हैकर्स एडमिनिस्‍ट्रेटर अकाउंट और संभवत: बाकी यूजर्स के अकाउंट तक पहुंचने में कामयाब रहे हैं। 

एक न्‍यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, कीवी फार्म्स ने सोमवार को अपडेट किए गए एक पोस्ट में कहा कि फोरम को हैक कर लिया गया था। इसके बाद सबकुछ रीफॉर्मेट करने और रीइंस्‍टॉल करने की जरूरत बताई गई है। इसके अलावा सिक्‍योरिटी के मूल्‍यांकन की बात भी कही गई है। ध्‍यान देने वाली बात है कि कीवी फार्म को हैकर्स से सुरक्षा क्लाउडफ्लेयर (Cloudflare) की ओर से दी जा रही थी, लेकिन आलोचकों की कड़ी फटकार के बाद वेब होस्टिंग और साइबर सिक्‍योरिटी सेवाएं प्रदान करने वाली क्‍लाउडफ्लेयर ने कीवी फार्म की सर्विस को बंद कर दिया था।

क्‍लाउडफ्लेयर के चीफ एग्‍जीक्‍यू‍ि‍टिव मैथ्यू प्रिंस ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि कंपनी ने कीवी फार्म के कंटेंट को अपने इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के जरिए एक्सेस करने से रोक दिया है। एक ऑनलाइन मैसेज में मैथ्‍यू प्रिंस ने कहा था कि इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर के रूप में क्लाउडफ्लेयर की भूमिका को देखते हुए, यह हमारे लिए एक असाधारण निर्णय है। आलोचकों का कहना था कि क्लाउडफ्लेयर बड़े पैमाने पर उत्पीड़न और डॉकिंग गतिविधियों को इनेबल कर रहा था, जो ट्रांसजेंडर और नॉनबाइनरी लोगों को टार्गेट कर रहे थे। क्‍लाउडफ्लेयर उन आखिरी प्रोवाइडर्स में से थी, जो कीवी फार्म को सिक्‍योरिटी उपलब्‍ध करा रही थी। 

कीवी फार्म के मौजूदा स्‍वरूप की शुरुआत साल 2013 में हुई थी। जल्दी ही यह प्‍लेटफॉर्म ऑनलाइन उत्पीड़न अभियानों का केंद्र बन गया। कीवी फार्म कम्‍युनिटी से उपजे उत्पीड़न से कम से कम तीन आत्महत्याएं जुड़ी हुई हैं। फोरम के प्रतिभागी अक्सर खुले तौर पर स्वीकार करते हैं कि उनका लक्ष्य लोगों को जान लेने पर मजबूर करना है। इनके निशाने पर ट्रांस, नॉन-बाइनरी लोग, एलजीबीटीक्यू कम्‍युनिटी के लोग और महिलाएं होती हैं। 
 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ईमेल करते हैं, तो कोई इंसान जवाब ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. 50MP कैमरा, 6000mAh बैटरी वाले Oppo फोन पर गजब डिस्काउंट, यहां से खरीदें सस्ता
  2. VinFast ने भारत में लॉन्च की VF 6, VF 7 इलेक्ट्रिक SUV, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  3. Realme P4 Pro 5G vs Nothing Phone 3a vs Poco X7 Pro 5G: 25 हजार में कौन सा है बेहतर
  4. Pixel मोबाइल पर कनेक्ट होंगे 1 साथ 2 हेडफोन
  5. 10 हजार रुपये में आने वाली टॉप 5 स्मार्टवॉच, 10 दिनों तक चलेगी बैटरी, जानें सबकुछ
  6. डेटिंग में भी घुसा AI, 50 प्रश्न पूछेगा और मिलाएगा आपके पार्टनर से! जानें इस ऐप के बारे में
  7. हाइवे पर फ्री AC रूम, Wi-Fi और शॉवर, बस भरवाना है फ्यूल; बुकिंग सीधा मोबाइल ऐप से
  8. Vivo T4 Pro vs Realme 15 5G vs Nothing Phone 3a: 30 हजार में कौन सा है बेस्ट
  9. Samsung की AI वाली वॉशिंग मशीन, कपड़ों को गीला किए बिना करेगी साफ, प्रेस करने का भी झंझट खत्म!
  10. ऑनलाइन डिजिटल स्कैम के शिकार तो नहीं हुए आप? ऐसे करें ऑनलाइन शिकायत
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »