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भारत में 2025 तक 90 लाख से ज्यादा गिग जॉब की मांग, जानें कौन होते हैं गिग वर्कर्स?

स्टडी से यह भी पता चलता है कि गिग वर्कर्स के लिए सबसे बड़ी बाधा नौकरी की जानकारी (62%) तक पहुंच की कमी है। वहीं, अंग्रेजी (32%) और स्थानीय भाषा (10%) नहीं जानना भी वर्कर्स के लिए बड़ी बाधाों में शामिल हैं।

भारत में 2025 तक 90 लाख से ज्यादा गिग जॉब की मांग, जानें कौन होते हैं गिग वर्कर्स?

गिग वर्कर्स को हायर करने वाली भारतीय टेक कंपनियों की हिस्सेदारी 2022 में बढ़कर 65% हो गई

ख़ास बातें
  • Indeed, NASSCOM और AON द्वारा नवंबर 2022 में एक सर्वे किया गया
  • महामारी के बाद, कंपनियों ने गिग वर्कर्स को काम पर रखना शुरू कर दिया था
  • गिग वर्कर (gig workers) फ्रीलांसर या कॉन्ट्रैक्टर होते हैं
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भारत में कथित तौर पर आने वाले तीन वर्षों में 90 लाख से ज्यादा गिग जॉब जोड़ी जाएंगी। लोकप्रिय जॉब साइट Indeed ने कुछ अन्य ग्रुप के साथ मिलकर एक सर्वे में पता लगाया है कि कोविड महामारी के बाद से कंपनियों ने गिग कर्मचारियों को काम पर रखना शुरू कर दिया था। इन कर्मचारियों को 12 महीने या उससे ज्यादा समय के लिए काम पर रखा जाता है। गिग वर्कर (gig workers) वे फ्रीलांसर या कॉन्ट्रैक्टर होते हैं, जो स्वतंत्र रूप से काम करते हैं। कंपनियां इन्हें प्रोजेक्ट बेसिस, प्रति घंटा या अंशकालिक बेसिस पर हायर करती हैं।

Business Insider India के अनुसार, Indeed, NASSCOM और AON द्वारा नवंबर 2022 में एक सर्वे किया गया, जिसमें यह पता चला था कि महामारी के बाद, कंपनियों ने 12 महीने या उससे अधिक अवधि के लिए गिग वर्कर्स को काम पर रखना ज्यादा बेहतर ऑप्शन समझना शुरू कर दिया है। इसके अलावा, यह भी बताया गया है कि गिग वर्कर्स को हायर करने वाली भारतीय टेक कंपनियों की हिस्सेदारी भी 2020 में 57% से 2022 में बढ़कर 65% हो गई थी।

बता दें कि नीति आयोग के अनुसार, 2029-30 तक गिग वर्कफोर्स 23.5 मिलियन (2.35 करोड़) कर्मचारियों तक बढ़ने की उम्मीद है। रिपोर्ट आगे बताती है कि कुछ मामलों में गिग वर्कर्स को स्थायी भी किया जा रहा है। Future of Workforce: Decoding Gig Workforce 2.0 रिपोर्ट कहती है कि वास्तव में, कुल 53% कर्मचारियों ने अपने गिग कर्मचारियों को फुलटाइम कर्मचारियों के रूप में बदलने का फैसला भी किया है।

Indeed की रिपोर्ट कहती है कि नौकरी की भूमिकाओं के संदर्भ में, डोर डिलीवरी कैटेगरी में सबसे ज्यादा गिग भर्तियां हो रही हैं, जिसमें फूड के लिए 22% और अन्य डिलीवरी के लिए 26% हिस्सेदारी है। इसके अलावा, सर्वे में शामिल 16% नियोक्ता घरेलू/वाहन के रिवेयर और मेंटेनेंस के लिए और कैब/टू-व्हीलर ड्राइविंग के लिए गिग वर्कर्स को काम पर रख रहे हैं, 10% सफाई के लिए और 7% व्यक्तिगत देखभाल सर्विस के लिए काम पर रख रहे हैं।

हालांकि, स्टडी से यह भी पता चलता है कि गिग वर्कर्स के लिए सबसे बड़ी बाधा नौकरी की जानकारी (62%) तक पहुंच की कमी है। वहीं, अंग्रेजी (32%) और स्थानीय भाषा (10%) नहीं जानना भी वर्कर्स के लिए बड़ी बाधाों में शामिल हैं।

जैसा कि हमने बताया गिग वर्कर (gig workers) फ्रीलांसर या कॉन्ट्रैक्टर होते हैं, जो स्वतंत्र रूप से काम करते हैं। कंपनियां इन्हें प्रोजेक्ट बेसिस, प्रति घंटा या अंशकालिक बेसिस पर हायर करती हैं।

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नितेश पपनोई Nitesh has almost seven years of experience in news writing and reviewing tech products like smartphones, headphones, and smartwatches. At Gadgets 360, he is covering all ...और भी
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