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ITR 2025-26: रिफंड मिलने में देरी? जानें कारण और कैसे करें अपना टैक्स रिफंड ट्रैक, स्टेप-बाय-स्टेप गाइड

आयकर विभाग टैक्स पेयर्स से हर साल अनुरोध करता है कि यदि रिफंड 4-5 हफ्तों के भीतर नहीं मिलता है, तो गलतियों का कारण जांचने के लिए या किसी भी अन्य सूचना के लिए नियमित रूप से ईमेल देखें।

ITR 2025-26: रिफंड मिलने में देरी? जानें कारण और कैसे करें अपना टैक्स रिफंड ट्रैक, स्टेप-बाय-स्टेप गाइड

जब आप ITR फाइल करते हैं, तो उसे ई-वेरिफाई करना जरूरी है

ख़ास बातें
  • ITR देर होने के कारणों में एक "ई-वेरिफिकेशन न किया होना" होता है
  • https://www.incometax.gov.in/iec/foportal/ के जरिए हो सकती है e-Filing
  • e-Filing पोर्टल पर “e-Nivaran / Grievance” सेक्शन में शिकायत दर्ज करें
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इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) उस अमाउंट को कहते हैं जो आपने टैक्स के रूप में ज्यादा जमा कर दी होती है, उदाहरण के लिए TDS, एडवांस टैक्स, या सेल्फ-असेसमेंट टैक्स। और जब आपका असल टैक्स डिडक्शन उससे कम होता है, तो आयकर विभाष आपको वो पैसा रिफंड के रूप में वापस देता है। हालांकि, इसके लिए भी एक प्रोसेस होता है, जो आप जानते ही होंगे। इनकम टैक्स रिटर्न के लिए आवेदन देने के बाद भी कई बार रिफंड मिलने में देरी होती है और इस देरी का कोई एक कारण नहीं होता है।

आयकर विभाग टैक्स पेयर्स से हर साल अनुरोध करता है कि यदि रिफंड 4-5 हफ्तों के भीतर नहीं मिलता है, तो गलतियों का कारण जांचने के लिए या किसी भी अन्य सूचना के लिए नियमित रूप से ईमेल देखें। विभाग का इसपर कहना है, "यदि तय अवधि के दौरान रिफंड प्राप्त नहीं होता है, तो टैक्सपेयर्स को आईटीआर में गलतियों के बारे में सूचना की जांच करनी चाहिए। रिटर्न के संबंध में आईटी विभाग से किसी भी सूचना के लिए ईमेल की जांच करें।"

यदि आपका टैक्स रिफंड अभी तक नहीं आया है, तो सुनिश्चित करें कि आपने अपना आईटीआर वैरिफाई कर लिया है। अपने आईटीआर का ई-वैरिफिकेशन न करने पर फाइलिंग अधूरी रह जाती है, जिससे आपका आईटीआर अमान्य हो जाता है। चलिए आपको इससे जुड़ी सभी जानकारियां विस्तार से देते हैं।

ITR देर होने के कारण (Common Delay Reasons)

1. ई-वेरिफिकेशन न किया होना
जब आप ITR फाइल करते हैं, तो उसे ई-वेरिफाई करना जरूरी है। अगर यह कदम नहीं किया गया हो, तो रिफंड प्रोसेसिंग शुरू ही नहीं होती। 

2. बैंक खाते की जानकारी गलत होना
बैंक खाता प्री-वैलिडेट नहीं होना, IFSC कोड गलत देना, आपके नाम और PAN डिटेल्स से बैंक अकाउंट का नाम मैच न होना और बैंक अकाउंट बंद होना, इन सब वजहों से रिफंड सफलतापूर्वक अकाउंट में क्रेडिट नहीं हो पाता है। 

3. PAN और Aadhaar लिंक न होना
यदि PAN और Aadhaar लिंक नहीं हैं, आपका PAN “inoperative” हो सकता है और रिफंड फेल हो सकता है। 

4. फॉर्म / AIS / 26AS / ITR डेटा में मिसमैच होना
यदि आपने जो इनकम, TDS डिटेल्स या अन्य जानकारी दी हैं, वे Form 26AS, AIS, या अन्य सोर्स से मेल नहीं खाती, तो विभाग द्वारा रिव्यू किया जा सकता है, जिससे देरी हो सकती है।

5. Refund Adjust / Demand Adjustment
यदि आपके नाम पहले से रिफंड बकाया हो, विभाग उस राशि को आपके रिफंड से एडजस्ट कर सकता है। यह Section 245 एडजस्टमेंट के तहत होता है, जिससे देरी हो सकती है।

6. बड़ी रिफंड राशि
यदि आपकी रिफंड राशि बड़ी है, तो विभाग एक्स्ट्रा वैरिफिकेशन कर सकता है।

7. रिटर्न टाइमलाइन के नजदीक फाइल करना
यदि आपने ITR डेडलाइन के बहुत करीब फाइल किया, या जिस अवधि में बहुत सारे रिटर्न फाइल हो रहे हों, प्रोसेसिंग में देरी हो सकती है। 

8. तकनीकी या प्रशासनिक देरी
कभी-कभी आयकर विभाग, CPC, या बैंक में तकनीकी प्रक्रियाओं में देरी हो जाती है, जिससे रिफंड जारी करने में समय लगता है। 

How to track ITR online?

तरीका 1: Income Tax e-Filing Portal

  • e-Filing पोर्टल पर जाएं - https://www.incometax.gov.in/iec/foportal/
  • अपने User ID (जो अक्सर PAN है), पासवर्ड, और Captcha डालकर लॉगिन करें
  • अब e-File -> Income Tax Returns -> View Filed Returns पर जाएं। 
  • उस Assessment Year (AY) चुनें जिसमें आपने रिफंड क्लेम किया है।
  • View Details / View Refund Status पर क्लिक करें। यहां आपको रिफंड की “लाइफ साइकल” (कहां तक प्रोसेस हुआ है) भी दिखाई देगी। 
  • यदि Refund Failure हुआ हो, तो पोर्टल पर “Refund Reissue” का ऑप्शन देखें।

तरीका 2: NSDL / TIN Refund Status

यदि आपका रिफंड निर्धारित किया गया है (विभाग ने AO से बैंक को भेजा है), तो आप NSDL की साइट पर जाकर PAN + Assessment Year डालकर स्टेटस देख सकते हैं। 
(ध्यान दें: यह सुविधा उन रिफंड्स के लिए होती है जिनके लिए भुगतान बैंक को भेजा गया हो) 

कब तक मिलता है रिफंड? (Expected Timeline)

आमतौर पर रिफंड 4 से 5 हफ्ते (लगभग एक महीने) में आपके बैंक अकाउंट में आ जाता है। ऐसा कहा जाता है कि आसान मामलों में 7-21 वर्किंग डेज के भीतर रिफंड हो सकता है, बशर्ते कोई डेटा गलत न हो। यदि देरी हो रही है, तो विभाग उस पर ब्याज भी देता है, कुछ मामलों में 0.5% प्रति माह या उसके हिस्से के हिसाब से।

यदि रिफंड नहीं मिला तो क्या करें?

  • Grievance / शिकायत दर्ज करें - e-Filing पोर्टल पर “e-Nivaran / Grievance” सेक्शन में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। 
  • Refund Reissue Request करें - यदि रिफंड फेल हुआ है, बैंक अकाउंट को वैलिडेट करके दोबारा रिफंड जारी करने का आवेदन करें। 
  • AO / CPC से संपर्क - यदि मामला जटिल हो, तो Assessing Officer (AO) या CPC (Central Processing Centre) से संपर्क।
  • लेटर या मेल भेजें - विभाग को लिखित अनुरोध (यदि जरूरत हो) भेज सकते हैं।
  • समय-समय पर पोर्टल चेक करें - नए इंटिमेशन नोटिस आ सकते हैं, उन्हें ध्यान से देखें।
  • ब्याज की मांग करें - यदि देरी होती है, आप उस पर लागू ब्याज की मांग कर सकते हैं, जहां वैधानिक प्रावधान हो।

आयकर रिफंड मिलने में कितने दिन लगते हैं?

सामान्यतः 4-5 हफ्ते, लेकिन सरल मामलों में 7-21 वर्किंग डेज में भी मिल सकता है।

ITR रिफंड में देरी के सबसे सामान्य कारण क्या हैं?

गलत बैंक डिटेल्स, ई-वेरिफिकेशन डिले, PAN-Aadhaar मिसमैच, डेटा डिस्क्रिपेंसी या बड़ी रिफंड राशि का रिव्यू।

इनकम टैक्स रिफंड स्टेटस ऑनलाइन कैसे देखें?

ई-फाइलिंग पोर्टल में लॉगिन करें -> e-File -> Income Tax Returns -> View Filed Returns -> Assessment Year चुनें -> View Refund Status।

अगर बैंक विवरण गलत होने के कारण रिफंड फेल हो जाए तो क्या करें?

ई-फाइलिंग पोर्टल पर बैंक खाता अपडेट करके Refund Reissue Request जमा करें।

अगर रिफंड में देरी होती है तो क्या ब्याज मिलता है?

हां, आयकर विभाग देरी पर 0.5% प्रति माह (या महीने के हिस्से के हिसाब से) ब्याज देता है।

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नितेश पपनोई Nitesh has almost seven years of experience in news writing and reviewing tech products like smartphones, headphones, and smartwatches. At Gadgets 360, he is covering all ...और भी
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