आज की तारीख में आधार कार्ड को सरकारी और कई प्राइवेट संस्थानों में पहचान पत्र के तौर प्राथमिकता मिलती है। रिलायंस जियो को ही ले लीजिए। इस कंपनी ने उन लोगों को ही सिम कार्ड दिया जिनके पास आधार कार्ड था।
यूआईडी या आधार कार्ड को सबसे पहले मनरेगा, घरेलू एलपीडी सिलेंडर जैसे डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम के लिए लाया गया था। जुलाई 2014 के बाद से इस बायोमैट्रिक आधारित व्यवस्था को हर दूसरे स्कीम के लिए अनिवार्य किया जा रहा है। इसका इस्तेमाल अब पासपोर्ट, वोटर आईडी, राशन कार्ड जैसे सेवाओं के लिए भी किया जा रहा है। ऐसे में हर शख्स के पास आधार कार्ड होना ज़रूरी है।
दूसरी तरफ, हाल ही में मीडिया में आधार डेटा में सेंध, बायोमैट्रिक्स डेटा के दुरुपयोग और निजी जानकारी में सेंध की ख़बरें आई थीं। हालांकि, यूआईडीएआई ने कहा है कि उसने इन रिपोर्ट्स को ध्यान से देखा है और वह जोर देकर कहना चाहती है कि आधार के यूआईडीएआई डेटाबेस में कोई सेंध नहीं लगी है और यूआईडीएआई के पास लोगों का व्यक्तिगत डेटा बिल्कुल सुरक्षित है। अच्छी बात है कि सरकार ने खबरें आने के बाद तुरंत ही स्थिति स्पष्ट करते हुए आम नागरिकों को भरोसा दिया है। लेकिन आगे का क्या? अब जब
आधार पेमेंट्स जैसी व्यवस्था आम होने वाली है। उस दौरान हमारे बायोमैट्रिक्स डेटा पर असामाजिक तत्वों की नज़र रहेगी। ऐसे में आपको भी कुछ बातों का खास ख्याल रखना होगा।
आधार बायोमैट्रिक डेटा को ऑनलाइन करें लॉककई ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां लोगों ने आधार बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया है। कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने कई दिनों से अपना आधार कार्ड इस्तेमाल भी नहीं किया है, लेकिन उन्हें यूआईडीएआई से ईमेल आया है कि उनके डेटा को बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन के ज़रिए एक्सेस किया गया है। आप इस परिस्थिति से बच सकते हैं अगर आप यूआईडीएआई सर्वर पर जाकर बायोमैट्रिक इंफॉर्मेशन लॉक कर दें। आप इसे इस्तेमाल में लाने से पहले अनलॉक भी कर सकते हैं।
आपको यह करना होगा।
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आधार कार्ड का स्टेटस पता करने का तरीका)
आधार से जुड़ी जानकारी किसी के साथ साझा ना करेंयह बात हमेशा ध्यान रखें कि कोई भी सरकारी संस्थान या बैंक कभी भी आपसे आधार नंबर जैसी गोपनीय और निज़ी जानकारी की सूचना फोन या ईमेल के जरिए नहीं पूछता है। अगर कोई ऐसा फोन या ईमेल मिले तो कभी भी अपने आधार के बारे जानकारी सार्वजनिक ना करें।
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आधार कार्ड की डिजिटल कॉपी डाउनलोड करने का तरीका)
आधार की फोटो कॉपी देने से बचेंअगर आप पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हैं तो किसी भी शख्स को आधार कार्ड की फोटो कॉपी देने से बचें। संभव है कि उसका इस्तेमाल किसी गलत काम के लिए कर लिया जाए। बेहतर होगा कि आप फोटो कॉपी पर हस्ताक्षर कर दें और इसके अलावा यह भी ज़रूर लिख दें कि उस फोटो कॉपी किस काम के हेतू दी गई है।
बायोमैट्रिक्स डेटा का इस्तेमाल सोच समझ करसंभव है कि रिलायंस जियो सिम खरीदते वक्त आपने अपने अंगूठे का निशान एक स्कैनर के साथ साझा किया होगा। आने वाले समय में और भी जगहों पर आधार कार्ड पर आधारित व्यवस्था में ऐसे ही फिंगरप्रिंट स्कैन की व्यवस्था होगी। अगर आप किसी स्कैनर को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हैं तो हमारा सुझाव होगा कि आप अंगूठे का निशान नहीं दें।
अगर खो जाए आधार कार्डसबसे पहले पास के पुलिस थाने जाकर प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कराएं। बता दें कि आधार कार्ड एक बार ही बनता है। अगर यह खो भी जाए तो आपको फिर से आवेदन देने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। आप यूआईएडीआई की वेबसाइट पर जाकर नया आधार कार्ड पा सकते हैं। या फिर से किसी आधार सेंटर पर जाकर नया डुप्लिकेट कार्ड बनवा सकते हैं।