आधार नंबर आपकी पहचान है। भले ही सुप्रीम कोर्ट ने इसके इस्तेमाल को लेकर कुछ रोक लगा दिए हैं, लेकिन यह अब भी सरकारी सेवाओं और सब्सिडी के लिए अनिवार्य है। ऐसे में हम और आप Aadhaar Card बनवाते ही हैं। आधार कार्ड बनावते वक्त UIDAI आपके फिंगरप्रिंट और रेटिना स्कैन डेटा लेती है। इसे बायोमैट्रिक डेटा कहा जाता है और आप इसे सरकार के साथ साझा करते हैं। आधार वैरिफिकेशन के लिए बायोमैट्रिक डेटा का इस्तेमाल होता है। उदाहरण के तौर पर, अगर आप सिम खरीदने के लिए आधार कार्ड को पहचान पत्र के तौर पर दिखाते हैं तो ऐसे में आप फिंगरप्रिंट के ज़रिए टेलीकॉम कंपनी को पहचान पत्र के ब्योरे को एक्सेस करने दे सकते हैं। ऐसा करके आप तेजी से आईडी की वैरिफिकेशन कर सकते हैं।
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हालांकि, कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां लोगों ने Aadhaar Biometric ऑथेंटिकेशन के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया है। कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने कई दिनों से अपना आधार कार्ड इस्तेमाल भी नहीं किया है, लेकिन उन्हें यूआईडीएआई से ईमेल आया है कि उनके डेटा को बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन के ज़रिए एक्सेस किया गया है। यह बेहद ही डराने वाला मसला है।
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आप इस परिस्थिति से बच सकते हैं अगर आप यूआईडीएआई सर्वर पर जाकर Aadhaar Biometric इंफॉर्मेशन लॉक कर दें। इसका मतलब है कि आपके बायोमैट्रिक डेटा को किसी और के द्वारा एक्सेस नहीं किया जा सकेगा। आप इसे इस्तेमाल में लाने से पहले अनलॉक भी कर सकते हैं। वैरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आप इसे फिर से लॉक कर सकते हैं।
आप इस तरह से Aadhaar UIDAI Biometric इंफॉर्मेशन को लॉक और अनलॉक कर सकते हैं...
1. UIDAI की वेबसाइट पर जाएं।
2. 12 नंबर वाला आधार नंबर डालें।
3. इसके बाद आधार नंबर के नीचे नज़र आ रही तस्वीर पर दिख रहे सिक्योरिटी कोड को लिखें।
4. अब जेनरेट ओटीपी पर क्लिक करें।
5. इसके बाद वन टाइम पासवर्ड एसएमएस के ज़रिए आपके रजिस्टर्ड फोन नंबर पर भेज जाएगा। इसके बाद उसी पेज पर ओटीपी लिखें।
6. वैरिफाई पर क्लिक करें
7. अब इनेबल बायोमैट्रिक लॉकिंग को चेक कर दें।
8. इनेबल बायोमैट्रिक लॉकिंग को चेक करने के बाद इनेबल को क्लिक करें।
9. अगर आप लॉक डिसेबल करना चाहते हैं तो इनेबल बायोमैट्रिक लॉकिंग को अनचेक कर दें। फिर डिसेबल कर दें।
इस तरह से आप अपने Aadhaar UIDAI Biometric इफॉर्मेंशन को लॉक/ अनलॉक कर पाएंगे। ऊपर दिए गए निर्देशों का पालन करके आप अपनी ज़रूरत के हिसाब से इसे अनलॉक भी कर सकते हैं।
बता दें कि बॉयोमैट्रिक डेटा को लॉक करने के बाद आप आधार पर आधारित ट्रांजेक्शन और रिक्वेस्ट को सिर्फ मोबाइल नंबर पर भेजे ओटीपी के ज़रिए वैरिफाई कर पाएंगे। थंब और आइरिस स्कैन वाली सुविधा खत्म हो जाएगी।