दिग्गज टेक कंपनी Google आज doodle के ज़रिए दिग्गज शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की 102वीं जयंती मना रही है। आइए विस्तार से जानते हैं आज के गूगल डूडल सितारे उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के बारे में। देश-दुनिया में अपने हुनर के दम पर नाम कमाने वाले कलाकार उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का जन्म एक संगीत घराने में हुआ था। उन्हें 'बिस्मिल्लाह' नाम उनके दादा ने दिया था, जो एक अरबी शब्द है। इसका अर्थ है 'ख़ुदा के नाम पर।' शहनाई वादक को 'उस्ताद' नाम देश-दुनिया में उनके हुनर को पहचाने जाने के बाद दिया गया था। Google ने कुछ दिन पहले 'पाई' को भी इसी तरह से याद किया था।
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान को भारत रत्न, पद्म विभूषण, पद्म भूषण, पद्म श्री जैसे सम्मान से भी नवाज़ा गया। दुनियाभर में वे अपनी कला के चलते लोकप्रियता का चरम हासिल कर चुके थे। बिस्मिल्लाह खान साहब ने शहनाई वादन को नई दिशा दी। साल 1947 के स्वतंत्रता दिवस की संध्या पर उन्होंने अपनी शहनाई की यादगार पेशकश भी दी थी। आज भी गणतंत्र दिवस के उत्सव की शुरुआत उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के संगीत से ही होती है।
बिस्मिल्लाह खान ने अपने संगीत करियर की शुरुआत लोगों के बीच परफॉर्मेंस देकर की थी। उस वक्त वे महज़ 14 साल के रहे होंगे। साल 1937 में ऑल इंडिया म्यूज़िक कॉन्फ्रेंस में उनकी परफॉर्मेंस से उन्हें नई ऊंचाइयां मिलनी शुरू हुईं। साल 1966 में उन्होंने एडिनबर्ग म्यूज़िक फेस्टिवल में मनमोहक प्रस्तुति भी दी। उसके बाद उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के देश के भीतर व बाहर प्रशंसक बढ़ते गए। उन्होंने पूरी दुनिया में घूमकर कोने-कोने में शहनाई की कला का विस्तार किया। साल 1969 के कान आर्ट फेस्टिवल में भी उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की प्रस्तुति को विश्वस्तरीय पहचान मिली।
Google पहले भी कई कलाकारों, महान हस्तियों की याद डूडल कलाकृति से ताज़ा करवाता रही है। अपने-अपने क्षेत्र की महान विभूतियों को गूगल ने अक्सर बेहद भावनात्मक श्रद्धांजलियां दी हैं। किसी ख़ास दिन को भी गूगल इसी तरह की कलाकृतियां यूज़र के सामने पेश करता है। गूगल की इस पहल से हमें सभी महान आत्माओं का दिन याद रहता है।
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान अपनी शहनाई को बेगम (पत्नी) कहा करते थे। उनका कला के प्रति लगाव लोगों के ज़ेहन में हमेशा ज़िंदा रहेगा। वे कहते थे, ''एक दिन जब ये दुनिया खत्म हो जाएगी, तब भी संगीत फिज़ा में रहेगा।'' उस्ताद, उन कुछ ख़ास संगीतज्ञों में से एक हैं, जिन्हें भारत रत्न समेत सभी पद्म पुरुस्कारों से नवाज़ा गया।
Google Doodle क्यों?
गूगल डूडल दरअसल, किसी शख्सियत, ख़ास तिथियों और देश-दुनिया में विख्यात किसी जगह को लेकर तैयार किया जाता है। Google Doodle को कलात्मक ढंग से लिखकर संबंधित महत्व के बारे में एक ब्लॉक पोस्ट के ज़रिए से जानकारी दी जाती है। गूगल डूडल पर महान शख्सियत उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की तस्वीर चेन्नै के कलाकार विजय क्रिश ने तैयार की है, जिसे गूगल डूडल के तौर पर दिखाया गया है। पीछे की तरफ अंग्रेजी में गूगल लिखा दिख रहा है।