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ओवरटाइम करने से मना किया तो नौकरी से निकाला! बड़ी कंपनी में छंटनी पर छिड़ी बहस

कंपनी ने नौकरी से निकाले जाने के पीछे की वजह को बजट की कमी बताया।

ओवरटाइम करने से मना किया तो नौकरी से निकाला! बड़ी कंपनी में छंटनी पर छिड़ी बहस

ओवरटाइम काम करने से मना करने पर एक महिला को नौकरी से निकाले जाने की बात सामने आई है।

ख़ास बातें
  • पोस्ट ने कर्मचारियों के लिए काम करने की सीमा को लेकर फिर से बहस छेड़ दी
  • कंपनी ने नौकरी से निकाले जाने के पीछे की वजह को बजट की कमी बताया
  • कर्मचारियों का मानना है ओरवटाइम से मना करने पर सहयोगी को नौकरी से निकाला
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ओवरटाइम काम करने से मना करने पर एक महिला को नौकरी से निकाले जाने की बात सामने आई है। महिला एक बड़ी MNC कंपनी में काम करती थी। महिला के एक सहयोगी के अनुसार, वो कंपनी में 3.5 साल से काम कर रही थी और काफी मेहनती थी। कंपनी ने नौकरी से निकाले जाने के पीछे की वजह को बजट की कमी बताया लेकिन इस कंपनी के कर्मचारियों का मानना है कि ओरवटाइम से मना करने पर सहयोगी को नौकरी से निकाला गया है। आइए जानते हैं पूरा मामला। 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Reddit पर एक पोस्ट ने कर्मचारियों के लिए काम करने की सीमा को लेकर फिर से बहस छेड़ दी है। रेडिट पर यूजर Unlikely_Sorbet_5137 ने एक पोस्ट किया है जिसमें उसने लिखा, ''आज कंपनी ने एक कर्मचारी को निकाल दिया, उसने ओवरटाइम करने से मना कर दिया था। मैं एक एमएनसी के लिए काम करता हूं। यह प्रोडक्ट आधारित सेक्टर की एक जानी मानी कंपनी है। यहां का माहौल काफी अच्छा है और लचीला भी है। बहुत से कर्मचारी यहां पर बड़े लंबे समय से हैं, जो कि 26-27 साल से काम कर रहे हैं। लेकिन आज जो हुआ उसने कंपनी के लिए मेरी सोच को बदल दिया है। मेरी टीम की एक सदस्य, जो कंपनी में पिछले 3.5 साल से काम कर रही थी, को बजट बाधाओं के चलते रिजाइन करने को कहा गया और कंपनी में उसके रोल को ही खत्म कर दिया गया। मैंने उसको ऑफिस से रोते हुए निकलते देखा।" 
उधर कंपनी की ओर से कहा गया कि ऐसा बजट की कमी के कारण हुआ। लेकिन सहकर्मियों को कंपनी की बात पर यकीन नहीं हो पा रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि बजट की कमी नहीं, बल्कि नौकरी से निकाले जाने का कारण उसका ओवरटाइम करने से मना करना था। कर्मचारियों का कहना है कि अगर सच में बजट की दिक्कत थी तो सिर्फ उसी को क्यों निकाला गया

इस तरह से अचानक हुई छंटनी ने सभी को हैरान कर दिया है। लिखा गया है कि जिस महिला कर्मचारी को निकाला गया वह हमेशा खुलकर अपनी बात रखती। वो जरूरत से ज्यादा काम करने से मना कर देती थी। जबकि अन्य कर्मचारी बिना कुछ कहे ही ओवरटाइम करने के लिए तैयार हो जाते थे। पोस्ट के बाद कई कर्मचारियों ने इस बारे में अपनी राय रखी। रेडिट पर कई लोगों ने सलाह दी कि किसी भी कंपनी में काम करते समय वहां की राजनीति को समझना जरूरी होता है। एक यूजर ने लिखा “यह दुखद है, लेकिन ऑफिस में समझदारी से चलना पड़ता है। सीधे मना करने के बजाय बात को ढंग से समझाना बेहतर होता है।” कुछ लोगों ने यह भी कहा कि सिर्फ एक तरफ की बात सुनकर फैसला लेना सही नहीं होगा। 
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हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

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