इलेक्ट्रिक गाड़ियां नई सनसनी हैं, लेकिन महंगी होने की वजह से लोग अभी इन्हें खरीदने से बच रहे हैं। लेकिन क्या हो, अगर इलेक्ट्रिक कार की कीमत 6-7 लाख रुपये तक नीचे आ जाए। अहमदाबाद की सोलर कंपनी ‘जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड' इसी मकसद के साथ आगे बढ़ रही है। कंपनी का लक्ष्य 6 लाख रुपये से कम में इलेक्ट्रिक कार तैयार करने का है। कंपनी ने शुक्रवार को इन्वेस्टर्स को बताया कि उसने यूएस-बेस्ड इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग स्टार्टअप का अधिग्रहण करने के लिए एक टर्म शीट पर साइन किए हैं। इसका फायदा यह होगा कि कंपनी को उस स्टार्टअप की विशेषज्ञता का फायदा इलेक्ट्रिक कार डेवलप करने के लिए मिलेगा।
जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड ने
डील की जानकारी नहीं दी है। यह भी नहीं बताया है कि वह किस स्टार्टअप को अधिग्रहीत कर रही है, लेकिन कुछ चीजें सामने आई हैं। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अनमोल सिंह जग्गी ने कहा है कि हम स्पष्ट रूप से यह मानते हैं कि एक 5-6 लाख रुपये के इलेक्ट्रिक व्हीकल की जरूरत है। उनके बयान से साफ है कि कंपनी इसी प्राइस रेंज में इलेक्ट्रिक व्हीकल पेश करने का टार्गेट रखती है।
कंपनी ने इन्वेस्टर्स को बताया है कि वह अगले साल यानी 2023 की पहली तिमाही से पुणे से प्रोडक्शन शुरू करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। शुरुआत में हर साल 12,000 कारों को तैयार किया जाएगा। कंपनी लगभग 150 ऑटोमोबाइल इंजीनियरों और डिजाइनरों को भी हायर कर रही है। मनी कंट्रोल की
रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी कई चरणों में 250 से 400 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। टेक्नॉलजी डेवलपमेंट के लिए आरएंडडी सेंटर सेटअप करने का भी लक्ष्य है।
अनमोल सिंह जग्गी ने कहा है कि अधिग्रहीत कंपनी अभी भी प्रोटोटाइप हैचबैक पर काम कर रही है जो ‘वैगनआर जैसी कॉम्पैक्ट हैचबैक के साथ प्रतिस्पर्धा करेगी।' कंपनी जिस इलेक्ट्रिक कार का लक्ष्य लेकर चल रही है, वह सिंगल चार्ज में 200 किमी तक चल सकेगी और सिर्फ 2 घंटे में फुल चार्ज की जा सकेगी।
कंपनी जो लक्ष्य लेकर चल रही है वह नामुमकिन नहीं लगता, क्योंकि दुनिया की सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार की कीमत लगभग सवा तीन लाख रुपये है। Wuling Hongguang Mini EV कंपनी इसे तैयार करती है और बिक्री चीन में होती है। वहीं, भारतीय सड़कों पर सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार Tata Tigor है, जिसकी कीमत करीब 12.4 लाख रुपये है।