गुरुग्राम पुलिस ने दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर अत्याधुनिक ऑप्टिकल कैमरों से लैस ड्रोन को तैनात किया हुआ है, जो रैश ड्राइविंग करने वालों के चालान काटने में मदद कर रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस विभाग ने इन इलाकों में अभी तक 75 लाख रुपये तक के चालान काट दिए हैं। इस मुहीम को सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए शुरू किया गया है। ये ड्रोन लापरवाही से वाहन चलाने वालों की पहचान करने और उनका चालान काटने के लिए एक्सप्रेसवे पर सक्रिय रूप से गश्त लगाते हैं।
एनडीटीवी के
अनुसार, दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर खतरनाक तरीके से ड्राइविंग करने वाले लोगों के एक नए तरीके से चालान काटे जा रहे हैं, जिसमें गुरुग्राम पुलिस एडवांस टेक्नोलॉजी और कैमरों से लैस ड्रोन्स का इस्तेमाल कर रही है। खास ऑप्टिकल कैमरों से लैस ऑटो-ड्रोन 2 किलोमीटर दूर तक के वाहनों की स्पष्ट तस्वीरें खींच सकते हैं। यह अत्याधुनिक सुविधा ड्रोन को न केवल वाहनों की पहचान करने में मदद करती है, बल्कि लाइसेंस प्लेट नंबरों पर सटीक रूप से जूम इन करने का फायदा भी देती। यह रोड के किनारों पर लगे ट्रैफिक कैमरों से अलग है, जो सीमित दायरे में काम करते हुए चालान बनाते हैं।
रिपोर्ट बताती है कि उल्लंघन का पता चलने पर ये ड्रोन तुरंत मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों को सूचित करते हैं, जिससे उल्लंघन करने वाले वाहन को रोका जाता है और जुर्माना लगाया जाता है।
1 दिसंबर से लागू इन ड्रोन्स से अब तक कुल 8,377 जुर्माने लगाए हैं, जिनकी कीमत ₹74,92,900 है। जुर्माना विभिन्न वाहनों पर लगाया गया है, जिनमें 7,060 ट्रक, 675 यात्री बसें और शैक्षणिक संस्थानों से संबद्ध 239 बसें शामिल हैं।
पहले से तय समय और स्थानों के आधार पर सेट रूट पर चलने वाले ये ड्रोन ट्रैफिक के ऊपर मंडराते हैं, जिससे यातायात नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए एक व्यापक मॉनिटरिंग नेटवर्क स्थापित होता है।
इस साल 1 जनवरी से 19 दिसंबर के बीच 402 मौतें और 945 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं। ऐसे में यह पहल गुरुग्राम में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को कम करने का काम कर सकती है।