दिवाली का त्यौहार गुजरे 5 दिन बीत चुके हैं लेकिन राजधानी का प्रदूषण स्तर कम होने की बजाए बढ़ता ही चला जा रहा है। दिल्ली एनसीआर की हवा पिछले दो-तीन दिनों में इतनी खराब हो चुकी है कि लोगों का सांस लेना अब मुश्किल होने लगा है। दिवाली के पटाखों से निकला धुंआ दिल्ली एनसीआर में जैसे कैद सा होकर रह गया। उस पर फिर पराली का धुंआ और सुबह शाम की हल्की धुंध। इन सभी ने मिलकर दिल्ली को धुएं की राजधानी बना दिया है। कुछ इलाकों में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है।
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर कई इलाकों में खतरे के लेवल को पार कर गया। लगभग 20 इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 पॉइंट्स से ऊपर जा चुका है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के
ताजा आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली की स्थिति बेहद खराब कैटिगरी में आ चुकी है। इनमें सबसे ज्यादा गंभीर स्थिति आनंद विहार की है जहां पर एक्यूआई 456 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह शादीपुर, जहांगीरपुरी में भी यह 430 पॉइंट्स से ऊपर है। जहांगीरपुरी में यह 430 पॉइंट्स रिकार्ड किया गया, जबकि शादीपुर में 435 रिकॉर्ड किया गया। 400 पॉइंट्स के ऊपर के अन्य इलाकों में अशोक विहार, सोनिया विहार, पंजाबी बाग, नेहरू नगर आदि एरिया शामिल हैं।
दिल्ली के द्वारका इलाके में एक्यूआई 428 पर है जबकि पंजाबी बाग में 418 पॉइंट्स पर है। वहीं, नेहरू नगर में 404 और अशोक विहार में 422 पॉइंट्स पर है। इसी तरह कुछ बाहरी इलाके जैसे रोहिणी, नरेला, मुंडका, बवाना आदि में भी प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक रिकॉर्ड किया गया है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के इलाके में यह 355 बना हुआ है। शुक्रवार को हवा में घुले हानिकारक तत्वों की बात करें तो इनमें पार्टिकुलेट मैटर्स (PM)- 10 और (PM)- 2.5 क्रमश: 252 और 309 रहा जो कि बहुत ही खराब दर्ज हुआ। हालांकि, सरकार की ओर से लगातार
इलेक्ट्रिक बसों की संख्या को बढ़ाए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि प्रदूषण स्तर में कमी लाई जा सके।
दिल्ली ही नहीं, प्रदूषण का जहर एनसीआर टाउन्स की हवा में भी गंभीर स्तर तक घुला हुआ है। ताजा आंकड़ों की बात करें तो नोएडा में यह 402 पॉइंट्स और गाजियाबाद में 420 पर है। फरीदाबाद की हवा में पॉल्यूशन का स्तर 446 बताया गया है। ये आंकड़ें काफी गंभीर है। सांस की बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए इतनी जहरीली हवा बड़ी मुसीबत बन सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस स्तर का प्रदूषण बीमार लोगों को तो खतरे में डालेगा ही, स्वस्थ लोग भी इसमें बहुत जल्दी बीमार हो सकते हैं।