लग्जरी कारें महंगी आती हैं और इनकी ज्यादा कीमत केवल इसलिए नहीं होती कि इनमें तमाम लग्जरी सुविधाएं और एडवांस टेक्नोलॉजी मिलती है, बल्कि भारी कीमत चुकाने के लिए लग्जरी ब्रांड्स अपने ग्राहकों को अच्छी आफ्टर सेल सर्विस देने का भी वादा करते हैं। हालांकि, कई बार ऐसे किस्से सुनने में मिल जाते हैं, जो ग्राहकों का भरोसा बड़े ब्रांड्स से भी उठा देते हैं। लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन ने लग्जरी जर्मन वाहन निर्माता BMW पर भारी जुर्माना लगाया है, लेकिन क्यों? चलिए जानते हैं।
TOI के
अनुसार, एक BMW मालिक लंबे समय से अपनी कार में आने वाली समस्याओं के चलते बहुत परेशान था, जिसके लिए उसने कंपनी से कई बार शिकायतें भी की, लेकिन उसे
BMW की ओर से संतोषजनक समाधान नहीं मिला, जिसके बाद उसे कोर्ट का रुख करना पड़ा। रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन ने BMW 1 सीरीज हैचबैक मालिक को कार की पूरी कीमत (26.3 लाख रुपये) और साथ ही नुकसान का भुगतान करने का निर्देश दिया है।
रिपोर्ट बताती है कि इस कार को शिकायतकर्ता ने अक्टूबर 2014 में खरीदा था। दिल्ली में रहने वाले व्यक्ति ने खरीद के 5 महीने बाद से ही अपनी
बीएमडब्ल्यू 1 सीरीज कार में कई समस्याओं का सामना करना शुरू कर दिया। कंपनी द्वारा लगभग 8 वर्षों तक इस मुद्दे को ठीक करने में असमर्थता को देखते हुए कोर्ट ने अब यह माना है कि वाहन निर्माता द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं असंतोषजनक थीं।
इस कार में मुख्य समस्या ब्रेक के साथ थी। शिकायत प्राप्त करने के बाद, निर्माता ने
BMW के मानेसर रीसर्च एंड डेवलपमेंट केंद्र में एक संयुक्त परीक्षण अभियान चलाया और ब्रेकिंग परफॉर्मेंस में समस्या को स्वीकार किया और खराब बताया। कार को रिपेयर के लिए भेजा गया, लेकिन रिपेयर के बाद भी शिकायतकर्ता को समस्या जैसी की तैसी मिली।
रिपोर्ट आगे बताती है कि अदालत के निर्देश में कहा गया है, "वर्तमान मामले में विरोधी पक्षों ने न तो उक्त कार को बदला और न ही समस्या को ठीक किया। इसलिए, हम शिकायतकर्ताओं के तर्क के अनुरूप हैं कि सेवाओं में कमी है।”
इसके चलते,
बीएमडब्ल्यू को अब शिकायतकर्ता को इस हैचबैक की पूरी एक्स-शोरूम कीमत, यानी 26.3 लाख रुपये वापस देने होंगे। इतना ही नहीं, कोर्ट ने कार के लिए गए लोन पर ब्याज (2.26. लाख रुपये), खरीद राशि और लोन ब्याज पर 6 प्रतिशत ब्याज, मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न के लिए 2 लाख रुपये, मुकदमे में हुए खर्च के लिए 50,000 रुपये, वाहन की आवश्यक सर्विस और रखरखाव के लिए 1.09 लाख रुपये, टायर बदलने के लिए 35,000 रुपये और 93,280 रुपये की बीमा राशि की वापसी का निर्देश जारी किया है।