अगर आप आने वाले दिनों में ई-कॉमर्स साइट पर बड़ी छूट की उम्मीद लगाए बैठे हैं तो संभव है कि आप निराश हों।
दरअसल, ऑनलाइन खुदरा बाजार मंच
(ई-कॉमर्स) के क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को अनुमति मिल जाने के बाद से उम्मीदें बढ़ गई हैं कि इस क्षेत्र कई और विदेशी कंपनियां बढ़-चढ़कर निवेश करेंगी। लेकिन सरकार द्वारा जारी किए गए नए दिशा-निर्देश ग्राहकों के लिए अच्छी खबर नहीं हैं।
सरकार ने बीटूसी ऑनलाइन मार्केटप्लेस में ई-कंपनियों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर ऑनलाइन मार्केट में बिक रहे सामान की कीमत प्रभावित करने पर रोक लगा दिया है।
दरअसल, ई-कॉमर्स कंपनियां ज्यादा से ज्यादा कंज्यूमर को लुभाने के लिए सेल मॉडल का इस्तेमाल करती रही हैं। खासकर त्योहारी सीज़न में कई प्रोडक्ट पर भारी छूट दी जाती है। हकीकत तो यह है कि कंज्यूमर को छूट देने के चक्कर में इन कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। दूसरी तरफ ज्यादा छूट के कारण ग्राहकों का रुझान रिटेल स्टोर से हटकर ऑनलाइन मार्केट की ओर बढ़ा है।
सरकार द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देश में कहा गया है कि ई-कॉमर्स कंपनी को अपने मार्केट प्लेस पर किसी एक वेंडर या अपने समूह की कंपनी को कुल बिक्री का 25 प्रतिशत से अधिक करने की अनुमति नहीं होगी। यानी फ्लिपकार्ट से जुड़ी डब्ल्यूएस रिटेल कंपनी और अमेज़न से जुड़ी क्लाउडटेल कंपनी द्वारा इन साइट पर बेचे गए प्रोडक्ट की हिस्सेदारी 25 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती। वहीं, ये कंपनियां मनमाना छूट नहीं दे सकेंगी।
क्या नए दिशा-निर्देशों के बाद ई-कॉमर्स साइट पर छूट मिलनी बंद हो जाएगी? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन जानकार मानते हैं कि कई कंपनियां एक्सचेंज और कैशबैक ऑफर के जरिए भविष्य में भी ग्राहकों को फायदा पहुंचाना जारी रखेंगी।