क्या भारतीय यूजर्स का पर्सनल डेटा सुरक्षित नहीं है? यह सवाल खड़ा हो रहा है, क्योंकि कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि CoWIN पोर्टल पर खुद को रजिस्टर करने वाले भारतीयों की पर्सनल जानकारी टेलीग्राम (Telegram) पर आसानी से उपलब्ध है। CoWIN पोर्टल को सरकार द्वारा संचालित किया जाता है, जोकि कोविड वैक्सीनेशन से जुड़ा एक प्लेटफॉर्म है। द फोर्थ न्यूज की एक
रिपोर्ट में बताया गया है कि टेलीग्राम पर भारतीयों की पर्सनल जानकारी, उनके आधार और पैन कार्ड की डिटेल्स मौजूद हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, CoWIN पोर्टल के साथ रजिस्टर मोबाइल नंबर को जब पोर्टल पर एंटर किया जाता है, तो टेलीग्राम बॉट यूजर के जेंडर, जन्म का वर्ष, वैक्सीनेशन सेंटर का नाम और वैक्सीनेशन के लिए इस्तेमाल किए गए आईडी कार्ड की संख्या को लीक कर देता है। दावा है कि इस डेटा ब्रीच की वजह से भारतीय नागरिकों के आधार कार्ड, वोटर आईडी और पैन कार्ड नंबर जैसी जरूरी जानकारियां कोई भी हासिल कर सकता है।
द फोर्थ न्यूज ने कहा है कि टेलीग्राम पर कोविन के प्रमुख से लेकर कई केंद्रीय नेताओं की निजी जानकारियां मौजूद हैं। इस खुलासे के बाद से टेलीग्राम बॉट के डेवलपर्स अलर्ट हो गए हैं। कहा जा रहा है कि ये बॉट अब डिसेबल हो गए हैं। द फोर्थ न्यूज के अलावा
मलयाला मनोरमा ने भी इस मामले से जुड़ी रिपोर्ट प्रकाशित की है। तमाम मीडिया समूहों ने इन रिपोर्ट्स को फॉलो किया है।
गैजेट्स 360 हिंदी इस डेटा लीक की पुष्टि नहीं करता। रिपोर्टों के अनुसार, सरकार ने कोविन ऐप में हुई हैकिंग की बात को खारिज किया है, हालांकि जांच की बात भी कही गई है। मलयाला मनोरमा ने लिखा है कि डेटा लीक का शिकार आम लोगों के साथ वीआईपी भी हुए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण भी उनमें शामिल हैं।
उत्तराखंड के कोटद्वार से विधायक राजेश भूषण की पत्नी रितु खंडूरी की पर्सनल डिटेल्स भी सामने आई हैं। केरल के कई नेता और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी भी डेटा लीक का शिकार हुई हैं। साल 2021 में भी रिपोर्ट आई थी कि कोविन पोर्टल का डेटा हैक हुआ है। तब भी ऐसे दावों का खंडन किया गया था।