AI Resume Builder की नई रिपोर्ट बताती है कि आने वाले साल 2026 में 3 में से 1 कंपनी कुछ कर्मचारियों की जगह AI ला सकती है।
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का असर अब सिर्फ टेक्नोलॉजी या रिसर्च तक सीमित नहीं रहा। अब यह कंपनियों की वर्कफोर्स स्ट्रैटेजी का हिस्सा बन चुका है। हाल ही में एक सर्वे में 1,250 बिजनेस लीडर्स से बातचीत की गई, जिसमें पूछा गया कि वे आने वाले साल (2026) में AI को अपने कर्मचारियों के साथ कैसे इंटीग्रेट करने वाले हैं। नतीजे बताते हैं कि अगले एक साल में कॉरपोरेट सेक्टर में काम करने का तरीका और नौकरी की परिभाषा, दोनों तेजी से बदलने वाले हैं।
AI Resume Builder की इस रिपोर्ट के मुताबिक, हर 5 में से 1 कंपनी (21%) ने साल 2025 में अपने कुछ रोल्स को AI से रिप्लेस किया है। वहीं, 30% कंपनियां 2026 में ऐसा करने की योजना बना रही हैं, यानी लगभग हर तीसरी कंपनी अगले साल कुछ कर्मचारियों की जगह मशीनों या एल्गोरिद्म को देने वाली है।
जिन कंपनियों ने ऐसा कदम उठाने की बात कही, उनमें से 59% का कहना है कि AI कम से कम 10% वर्कफोर्स को रिप्लेस करेगा, जबकि 10% कंपनियों का मानना है कि उनकी आधी टीम तक ऑटोमेशन की चपेट में आ सकती है।
AI से प्रभावित होने वाले सेक्टर्स में सबसे ऊपर आईटी, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, बैंकिंग और फाइनेंस, एनर्जी, ऑयल-गैस, अकाउंटिंग, टेलीकॉम, कंसल्टिंग, एचआर, मैन्युफैक्चरिंग और रिटेल हैं। इन सभी इंडस्ट्रीज में पहले से ही डेटा एनालिसिस, रिपोर्ट समरी और डॉक्यूमेंटेशन जैसे काम AI के जरिए तेजी से ऑटोमेट हो रहे हैं।
रिपोर्ट बताती है कि जिन रोल्स को सबसे ज्यादा खतरा है, उनमें कस्टमर सर्विस और सपोर्ट (54%), एडमिनिस्ट्रेटिव या क्लेरिकल वर्क (49%) और आईटी/टेक्निकल सपोर्ट (47%) शामिल हैं। ये वही फंक्शंस हैं जिनमें AI पहले से एक्टिव रूप में काम कर रहा है, जैसे डेटा एनालिसिस (61%), मीटिंग नोट्स समरी (58%) और रिसर्च (56%)।
इस रिपोर्ट को तैयार करने वाली करियर एडवाइजर Rachel Serwetz के मुताबिक, “प्रोफेशनल्स को अपने फील्ड से जुड़े AI टूल्स सीखने चाहिए। अगर आपका रोल ऑटोमेट हो सकता है, तो उस टेक्नोलॉजी को समझिए और मैनेजमेंट या सुपरविजन वाले हिस्से में स्किल डेवलप कीजिए।”
सर्वे में शामिल दो-तिहाई (67%) बिजनेस लीडर्स का कहना है कि जिन कर्मचारियों के पास AI स्किल्स हैं, उनकी नौकरी ज्यादा सुरक्षित है। 2026 में जो कंपनियां नई हायरिंग करेंगी, उनमें ज्यादातर ने साफ कहा कि वे ऐसे उम्मीदवारों को प्राथमिकता देंगी जिन्हें AI टूल्स और ऑटोमेशन वर्कफ्लो का अनुभव हो।
सर्वे में 86% कंपनियों ने माना कि AI ने उनकी टीम की प्रोडक्टिविटी बढ़ाई है। उनमें से 17% ने कहा कि कर्मचारी “काफी ज्यादा” काम कर पा रहे हैं, जबकि 36% ने कहा कि आउटपुट “बहुत बढ़ा” है। रेचल का कहना है कि, “AI से ज्यादा काम नहीं, बल्कि स्मार्ट तरीके से काम होना चाहिए। यह रिसर्च और स्ट्रेटेजी बनाने में मदद करता है। अगर आपकी जिम्मेदारी आउटपुट बढ़ाने से जुड़ी नहीं है, तो अपने मैनेजर से स्पष्ट बात करें कि AI आपकी भूमिका को कैसे बेहतर बना सकता है।”
यह रिपोर्ट साफ करती है कि आने वाले समय में AI को समझना सिर्फ टेक प्रोफेशनल्स की जरूरत नहीं रहेगी, बल्कि हर इंडस्ट्री के लिए बेसिक स्किल बन जाएगा। जो कर्मचारी AI को “रिप्लेसमेंट” के बजाय “एडवांटेज” की तरह देखेंगे, उनके पास न सिर्फ नौकरी बचेगी बल्कि प्रमोशन के मौके भी बढ़ेंगे।
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