• होम
  • इंटरनेट
  • ख़बरें
  • चाइनीज हैकर्स ने अमेरिकी सहित अन्य देशों की एजेंसियों के ईमेल अकाउंट किए हैक!

चाइनीज हैकर्स ने अमेरिकी सहित अन्य देशों की एजेंसियों के ईमेल अकाउंट किए हैक!

माइक्रोसॉफ्ट की रिपोर्ट से आगे यह भी पता चलता है कि स्टॉर्म-0558 का मुख्य उद्देश्य जासूसी, डेटा चोरी और क्रेडेंशियल को एक्सेस करना था। ग्रुप पहले भी पश्चिमी यूरोप में स्थित सरकारी एजेंसियों को निशाना बनाता आया है।

चाइनीज हैकर्स ने अमेरिकी सहित अन्य देशों की एजेंसियों के ईमेल अकाउंट किए हैक!

हैकिंग ग्रुप का उपनाम Storm-0558 बताया गया है

ख़ास बातें
  • हैकिंग ग्रुप का उपनाम Storm-0558 बताया गया है
  • हैकर्स का उद्देश्य जासूसी, डेटा चोरी और क्रेडेंशियल को एक्सेस करना था
  • ग्रुप पश्चिमी यूरोप में स्थित सरकारी एजेंसियों को भी निशाना बना चुका है
विज्ञापन
Microsoft ने खुलासा किया है कि अमेरिकी सरकारी एजेंसियों सहित लगभग 25 एजेंसियों के ईमेल अकाउंट में चीनी हैकरों द्वारा छेड़छाड़ की गई थी। माइक्रोसॉफ्ट के रिसर्चर्स और अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इन एजेंसियों को एक संदिग्ध साइबर-जासूसी अभियान के तहत लक्षित किया गया था, जिसका उद्देश्य कंप्यूटर नेटवर्क में संवेदनशील डेटा को एक्सेस करना था। बता दें कि हाल ही में चीन ने उन रिपोर्ट्स का खंडन किया था, जिनमें चीनी हैकर्स द्वारा अमेरिका को टार्गेट करने की बात कही गई थी और अब, माइक्रोसॉफ्ट की लेटेस्ट रिपोर्ट ने इस भड़कती आग में घी का काम कर दिया है।

माइक्रोसॉफ्ट ने अपने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया है कि चीनी हैकर्स द्वारा विभिन्न एजेंसियों के 25 अकाउंट को निशाना बनाया गया था, जिनमें अमेरिका के साथ यूरोप भी शामिल हैं। इतना ही नहीं, इस संगठनों से जुड़े ग्राहकों के अकाउंट को एक्सेस करने की भी कोशिश की गई थी। हैकिंग ग्रुप का उपनाम Storm-0558 बताया गया है, जो चीन से संबंधित ग्रुप है।

माइक्रोसॉफ्ट की रिपोर्ट से आगे यह भी पता चलता है कि स्टॉर्म-0558 का मुख्य उद्देश्य जासूसी, डेटा चोरी और क्रेडेंशियल को एक्सेस करना था। ग्रुप पहले भी पश्चिमी यूरोप में स्थित सरकारी एजेंसियों को निशाना बनाता आया है।

माइक्रोसॉफ्ट को पहली बार 16 जून को घुसपैठ के बारे में सूचित किया गया था। कंपनी के ब्लॉग पोस्ट के अनुसार, एक चीनी हैकिंग समूह ने 15 मई को ईमेल अकाउंट तक पहुंच बनाई थी। हालांकि, Microsoft ने उन अकाउंट की संख्या का खुलासा नहीं किया है, जो इन हैकर्स से प्रभावित हो सकते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, हैकर्स ने माइक्रोसॉफ्ट के क्लाउड-कंप्यूटिंग सिस्टम में एक सेफ्टी लूपहोल का फायदा उठाया, जिसे अब फिक्स कर दिया गया है। हैकर्स उन अकाउंट में घुसपैठ करने में कामयाब रहे, जो माइक्रोसॉफ्ट की आउटलुक ईमेल सर्विस का उपयोग करते थे। ये अकाउंट ऑथेंटिकेशन टोकन बनाने का काम करते थे, जिससे हैकर्स को यूजर्स का प्रतिरूपण करने का मौका मिला।

ऐसी संभावना जताई जा रही है कि चाइनीज हैकिंग ग्रुप का या तो बीजिंग की खुफिया सेवा से संबद्ध था या उसके लिए काम कर रहा था। एक हालिया ब्लॉग पोस्ट में, Microsoft के कार्यकारी उपाध्यक्ष, चार्ली बेल ने कहा था कि इस ग्रुप का मुख्य काम जासूसी करना है और ऐसा करने के लिए ये खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए ईमेल सिस्टम तक पहुंच बनाते हैं।
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

नितेश पपनोई Nitesh has almost seven years of experience in news writing and reviewing tech products like smartphones, headphones, and smartwatches. At Gadgets 360, he is covering all ...और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Google Search में AI मोड भारत में हुआ शुरू, जानें कैसे करें उपयोग
  2. Flipkart Freedom Sale: 7 हजार रुपये सस्ता मिल रहा Google का पिक्सल फोन
  3. Lava Blaze AMOLED 2 5G vs iQOO Z10 Lite 5G vs Moto G45 5G: 15 हजार में कौन है बेस्ट
  4. घर के बाहर कूड़े का ढेर लगा है या गंदे हैं सार्वजिक शौचालय तो इस सरकारी ऐप पर करें रिपोर्ट, जल्द मिलेगा समाधान
  5. प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों को टक्कर देगी BSNL, सरकार से मिलेंगे 47,000 करोड़ रुपये
  6. Honor X7c 5G अगले सप्ताह होगा भारत में लॉन्च, 5,200mAh की बैटरी
  7. 79th Independence Day: सुबह 7:30 बजे शुरू होगा समारोह, मोबाइल, टीवी, लैपटॉप पर ऐसे देखें LIVE
  8. Xiaomi ने लॉन्च किया अपना पहला AI ट्रैकिंग वाला इंडोर जूम सिक्टयोरिटी कैमरा, जानें कीमत
  9. iQOO 15 में मिल सकता है आगामी Snapdragon 8 Elite 2 चिपसेट, जल्द होगा लॉन्च
  10. रूस ने Telegram और WhatsApp कॉल्स को किया बैन, जानें वजह
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »