अरुणाचल प्रदेश के तवांग में झड़प के कुछ ही दिनों में चीन ने तिब्बत के प्रमुख एयरबेसों पर ड्रोन और लड़ाकू विमान तैनात करने शुरू कर दिए हैं। इससे पहले भी कई बार देखा जा चुका है कि तनाव की स्थिती बनने के साथ चीन ने सीमा से सटे इलाकों में बेस निर्माण या लड़ाकू विमानों की तैनाती की थी। कुछ ऐसा ही इस बार भी देखने को मिला है, जहां सैटेलाइट तस्वीरों ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा से 150 किलोमीटर पूर्वोत्तर में स्थित चीन के बांगदा एयरबेस में बड़ी तादात में लड़ाकू विमानों और ड्रोन को कैप्चर किया है।
NDTV के हाथ MAXAR की कई
हाई-रिसॉल्यूशन तस्वीरें लगी है, जिसमें चीन के एयरबेस में अचानक बड़ी तादात पर ड्रोन और फाइटर जेट्स की तैनाती कैप्चर हुई है। पिछले कुछ समय से चीन ने अरुणाचल प्रदेश के आसपास अपनी हवाई गतिविधियां बढ़ा दी है, जिसमें भारतीय वायुसेना ने दो मौको पर चीनी विमानों को सीमा का उल्लंघन करते हुए पकड़ा है। इसके बाद से इन इलाकों में भारतीय वायुसेना (IAF) लगातार युद्धक हवाई गश्त कर रही है।
ये तस्वीरें कथित तौर पर अरुणाचल प्रदेश की सीमा से 150 किलोमीटर पूर्वोत्तर में स्थित चीन के बांगदा एयरबेस की हैं, जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस अत्याधुनिक WZ-7 Soaring Dragon ड्रोन खड़ा दिखाई दे रहा है। भारत के लिए सीमा के आसपास यह ड्रोन इसलिए खतरा है, क्योंकि ये बिना रुके 10 घंटे तक उड़ सकता है और इसे जासूसी, निगरानी और सर्वेक्षण के लिए डिजाइन किया गया है। ये ड्रोन डेटा को ट्रांसमिट भी कर सकता है।
बांगदा एयरबेस की 14 दिसंबर की तस्वीर में दो फ्लैन्कर-टाइप लड़ाकू विमान भी फ्लाइट लाइन देखे जा सकते हैं। ये विमान भारतीय वायुसेना द्वारा उड़ाए जाने वाले रूस-निर्मित Sukhoi SU-30MKI लड़ाकू विमानों के चीन में बने वेरिएन्ट हैं।
तिब्बत क्षेत्र में बढ़ते चीनी सेना के इन सेटअप पर बारीक नजर रखने वाली फोर्स एनैलिसिस से जुड़े प्रमुख सैन्य विश्लेषक सिम टैक ने NDTV को बताया, "अन्य हालिया रिपोर्टों के साथ-साथ उपग्रह की तस्वीरों में देखे गए प्लेटफॉर्म लंबे समय तक टिके रहने वाले प्लेटफॉर्म की एक विस्तृत शृंखला को जाहिर करते हैं, जिनका उपयोग चीन द्वारा भारतीय गतिविधियों पर निगरानी करने, उन्हें थका डालने और उलझाने के लिए किया जा सकता है... इस क्षेत्र में चीन की हवाई युद्ध क्षमता में सुधार का निश्चित रूप से भारतीय वायुसेना पर बड़ा असर पड़ेगा और इस पर भी कि वह कैसे भविष्य के खतरे के लिए खुद को तैनात करता है..."
चीन की ये सैन्य हवाई गतिविधियां उस वक्त बढ़ी हैं, जब अरुणाचल प्रदेश के यांग्त्से क्षेत्र (तवांग सेक्टर) में चीनी और भारतीय सेना में हिंसक झड़पें हुई, और 9 दिसंबर को भारतीय जवानों ने चीनी फौजियों के ऊंचाई पर मौजूद एक पोस्ट पर कब्ज़ा करने के मंसूबों को नाकाम कर दिया।