देश में व्हीकल्स की सेफ्टी टेस्टिंग के लिए बनाए गए Bharat NCAP के कामकाज की शुरुआत 15 दिसंबर से होगी। दुनिया में भारत ऐसा पांचवां देश है जिसने कार क्रैश टेस्ट के लिए इस तरह का सिस्टम बनाया है। इससे पहले कारों की टेस्टिंग Global NCAP की ओर से की जाती थी।
अमेरिका, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया में व्हीकल्स की टेस्टिंग के लिए इस तरह का सिस्टम पहले से मौजूद है। एक मीडिया
रिपोर्ट के अनुसार, भारत NCAP की वेबसाइट पर डमी टेस्ट्स दिए गए हैं। इस वेबसाइट पर इस्तेमाल की गई कुछ इमेजेज से उन कारों का संकेत मिल रहा है जिनका शुरुआत में क्रैश टेस्ट किया जाएगा। बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों में शामिल Hyundai Motor ने अपनी कारों को इस टेस्टिंग के लिए भेजने की पुष्टि की थी। इनमें कंपनी की Exter SUV और नई Creta SUV शामिल हो सकती है। इसके अलावा Maruti Suzuki और
Tata Motors जैसी कुछ प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियां भी अपनी कारों को टेस्टिंग के लिए भेज सकती हैं।
दक्षिण कोरिया की Hyundai ने देश में अपने सभी मॉडल्स में छह एयरबैग्स स्टैंडर्ड के तौर पर उपलब्ध कराने की घोषणा की है। इसके अलावा तीन प्वाइंट सीटबेल्ट और सीटबेल्ट रिमांइडर जैसे अन्य सेफ्टी फीचर्स को भी कंपनी सभी वेरिएंट्स में उपलब्ध कराएगी। ह्युंडई के 13 मॉडल्स में से 10 में इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ESC) और हिल स्टार्ट असिस्ट कंट्रोल (HAC) को सभी मॉडल्स और वेरिएंट्स में स्टैंडर्ड के तौर पर दिया जाएगा। कंपनी ने बताया है कि उसके पांच मॉडल्स में एडवांस्ड ड्राइवर एड्स सिस्टम (ADAS) भी होगा। ह्युंडई की नई Verna को ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में फाइव-स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली थी।
देश में रोड सेफ्टी में सुधार के लिए भारत NCAP एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके तहत 3.5 टन तक के मोटर व्हीकल्स के लिए सेफ्टी स्टैंडर्ड्स बढ़ाए गए हैं। इससे कार बायर्स को ऑटोमोबाइल मार्केट में उपलब्ध मोटर व्हीकल्स की क्रैश सेफ्टी का आकलन करने में आसानी होगी। भारत NCAP के तहत कार मेकर्स स्वेच्छा से अपनी कारों की टेस्टिग करा सकेंगे। क्रैश टेस्ट में कार के प्रदर्शन के आधार पर स्टार रेटिंग दी जाएंगी। कार को खरीदने से पहले कस्टमर्स इस रेटिंग को देखकर विभिन्न व्हीकल्स के सेफ्टी स्टैंडर्ड्स की तुलना कर सकेंगे।