अश्विनी वैष्णव ने TCS, Infosys और Wipro को दिया इंडियन मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने का चैलेंज

भारत में मोबाइल बाजार बहुत बड़ा बन गया है, देश में कई कंपनियां स्मार्टफोन बनाने पर काम कर रही हैं।

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Written by साजन चौहान, अपडेटेड: 10 मार्च 2025 15:39 IST
ख़ास बातें
  • भारत में मोबाइल बाजार बहुत बड़ा बन गया है।
  • देश में कई कंपनियां स्मार्टफोन बनाने पर काम कर रही हैं।
  • देश में अपना ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं बन पाया है।

मोबाइल फोन ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करता है।

Photo Credit: Pexels/Tima Miroshnichenko

भारत में मोबाइल बाजार बहुत बड़ा बन गया है, देश में कई कंपनियां स्मार्टफोन बनाने पर काम कर रही हैं। हालांकि, अभी तक देश में अपना ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं बन पाया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देश की टेक्नोलॉजी कंपनियों को मोबाइल फोन के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने के लिए चुनौती दी है। डेटाक्वेस्ट इंडिया द्वारा आयोजित 32वें ICT बिजनेस अवार्ड्स और डीक्यू डिजिटल लीडरशिप कॉन्क्लेव के दौरान वैष्णव ने टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो जैसी कंपनियों से सर्विस प्रोवाइडर से प्रोडक्ट डेवलपर में बदलने और मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि भारत को प्रोडक्ट नेशन बनने की जरूरत है और इसके लिए कोशिश करने वाली कंपनियों के लिए सरकारी सपोर्ट भी मिलेगा। 

वैष्णव ने इवेंट के दौरान कहा कि "इस प्लेटफॉर्म से मैं Infosys, TCS और Wipro जैसी बड़ी टेक कंपनियों को यह चुनौती देना चाहूंगा कि वे मोबाइल के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार करें और वे इस चुनौती को स्वीकार करें और हमारे देश के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम बनाएं।"


एआई पर करें फोकस


वैष्णव ने बताया कि सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि 5 यूनिट पर काम चल रहा है और कहा कि इस साल देश को भारत में तैयार पहला चिप रोल आउट होना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने एआई कंप्यूट पोर्टल के लॉन्च की शुरुआत की, जो रिसर्चर, स्टार्टअप और सरकारी एजेंसियों को खासतौर पर एआई टास्क के लिए डिजाइन किए गए जीपीयू और हाई पावर वाले कंप्यूटिंग रिसोर्सेज तक एक्सेस प्रदान करेगा।


GPU के लिए कंप्यूटिंग फेसिलिटी की शुरुआत


वैष्णव ने कहा कि "हमने 14 हजार GPU के लिए पहली कॉमन कंप्यूट फेसिलिटी की शुरुआत की है। ये 14 हजार GPU अब हमारे सभी रिसर्चर,स्टूडेंट और स्टार्टअप के लिए उपलब्ध होंगे, जिससे वे अपने खुद के AI मॉडल, एल्गोरिदम की टेस्टिंग कर सकें और ऐसे एप्लिकेशन तैयार कर सकें जो दुनिया को जीतेंगे। इसी विजन के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं और उम्मीद है कि अब से 12 महीने बाद हमारे पास अपने खुद के फाउंडेशनल मॉडल भी होंगे।"

उन्होंने कहा कि सरकार का तीसरा कार्यकाल में कई ऑटोनोमस एआई मॉडल तैयार करने पर ध्यान दिया जाएगा। दूसरा लक्ष्य समस्या-केंद्रित छोटे मॉडल तैयार करना है, तीसरा ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) तैयार करना है और चौथा स्टार्टअप को सपोर्ट प्रदान करना है और पांचवां टैलेंट को आगे बढ़ाना है।
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