Apple पर जासूसी का आरोप लगा है। जिसके चलते कंपनी अब इस मामले की सेटलमेंट करने के लिए तैयार हो गई है। मामले के तहत Apple को 95 मिलियन डॉलर का भुगतान करना होगा। Apple पर आरोप था कि कंपनी Siri के माध्यम से बिना अनुमति के, यूजर्स की बातचीत सुनती है।
कथित तौर पर Siri ने
iPhone और अन्य
Apple डिवाइसेज के माध्यम से यूजर्स की बात सुनी। यह काफी चौंकाने वाला है क्योंकि एपल को प्राइवेसी के लिए जाना जाता है और यूजर्स का एक बड़ा तबका सिर्फ इसीलिए Apple iPhone जैसे डिवाइसेज खरीदना पसंद करता है कि उनकी निजता में सेंध न लग सके।
Reuters के मुताबिक, एपल एक प्रस्तावित क्लास एक्शन लॉसूट की सेटलमेंट के लिए 95 मिलियन डॉलर (लगभग 8 अरब रुपये) कैश भुगतान करने के लिए राजी हो गई है।
क्लास एक्शन लॉसूट में दावा किया गया है कि इसके वॉयस एक्टिवेटेड Siri असिस्टेंट ने यूजर्स की प्राइवेसी का उल्लंघन किया है। मंगलवार रात को ओकलैंड, कैलिफोर्निया संघीय अदालत में एक प्रारंभिक समझौता दायर किया गया। मोबाइल डिवाइस यूजर्स ने शिकायत की थी कि Apple ने रोजाना उनकी प्राइवेट बातें रिकॉर्ड कीं। यूजर्स का कहना है कि कंपनी ने इस तरह की वार्तालापों को थर्ड पार्टी जैसे, विज्ञापन कंपनियों आदि को दे दिया ताकि उसके आधार पर यूजर्स के पास विज्ञापन पहुंचाए जा सकें।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कैलिफोर्निया के ओकलैंड में संघीय अदालत में दायर किए गए प्रस्तावित समझौते से 5 साल पुराने मुकदमे का हल जल्द ही होने वाला है। एपल पर आरोप है कि कंपनी ने एक दशक से ज्यादा समय तक वर्चुअल असिस्टेंट Siri से लैस आईफोन और दूसरे डिवाइसेज के जरिए बातचीत रिकॉर्ड की जिसके लिए उसने Siri को गुप्त तरीके से एक्टिवेट किया। दावा किया गया है कि कथित रिकॉर्डिंग तब भी हुई जब लोगों ने ट्रिगर वर्ड्स, 'हे सिरी' के साथ वर्चुअल असिस्टेंट को एक्टिवेट करने की कोशिश नहीं की।
हालांकि एपल समझौते में किसी भी गलत काम किए जाने की बात को स्वीकार नहीं कर रहा है। अभी इस समझौते को अमेरिकी जिला जज जेफरी व्हाइट द्वारा अप्रूव किया जाना है। मामले में वकीलों ने शर्तों की समीक्षा के लिए ओकलैंड में 14 फरवरी को अदालत की सुनवाई निर्धारित करने का प्रस्ताव रखा है। अगर समझौते को मंजूरी मिल जाती है, तो लाखों ग्राहक जिनके पास 17 सितंबर, 2014 से पिछले साल के अंत तक आईफोन और दूसरे एपल डिवाइस थे, वे दावे दायर कर सकते हैं।