ई-कॉमर्स कंपनी Amazon से भारत में वर्कर्स की छंटनी करने पर लेबर मिनिस्ट्री ने जवाब मांगा है। एमेजॉन ने ग्लोबल लेबल पर अपने वर्कर्स की संख्या घटाने की योजना बनाई है। कंपनी ने इसके लिए भारत में बड़ी संख्या में वर्कर्स वॉलंटरी सेपरेशन प्रोग्राम (VSP) की पेशकश की है।
लेबर मिनिस्ट्री ने Nascent Information Technology Employees Senate (NITES) की ओर से कंपनी के खिलाफ की गई शिकायत पर एमेजॉन की भारत में यूनिट को नोटिस दिया है। NITES का आरोप है कि
कंपनी की ओर से की जा रही छंटनी गैर कानूनी और अनैतिक है। एमेजॉन के पास देश में लगभग एक लाख वर्कर्स हैं। NITES ने बताया कि उसे एमेजॉन के वर्कर्स की ओर से शिकायतें मिली हैं कि कंपनी उन्हें स्वेच्छा से इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर रही है। इसके लिए उन्हें VSP भी भेजा गया है। मिनिस्ट्री को दी गई शिकायत में कहा गया है कि कंपनी की ओर से की जा रही छंटनी इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट का उल्लंघन है।
कंपनी की योजना कुल लगभग 10,000 जॉब्स में कटौती करने की है। इनमें रिटेल और ह्युमन रिसोर्सेज डिविजंस शामिल होंगी। टेक्नोलॉजी सेक्टर में बहुत सी कंपनियों ने पिछले कुछ सप्ताह में छंटनी की है। इनमें फेसबुक और ट्विटर शामिल हैं। Amazon के एग्जिक्यूटिव Dave Limp ने पिछले सप्ताह एक ब्लॉग पोस्ट में बताया था कि कंपनी ने अपनी डिवाइसेज यूनिट का साइज घटाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा था, "हम एक अनिश्चित मैक्रो इकोनॉमिक स्थिति का सामना कर रहे हैं। हमने पिछले कुछ महीनों में उन एरिया पर अधिक ध्यान दिया है जो हमारे कस्टमर्स और बिजनेस के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं।"
एमेजॉन के पास ग्लोबल लेवल पर लगभग तीन लाख वर्कर्स हैं और इनमें से लगभग तीन प्रतिशत की छंटनी की जा सकती है। एमेजॉन के डिवाइसेज में वॉयस असिस्टेंट Alexa की सबसे अधिक बिक्री होती है। हालांकि, कंपनी के फाउंडर Jeff Bezos का कहना है कि इन डिवाइसेज को डिस्काउंट पर बेचा जाता है और प्राइस कई बार कॉस्ट से भी कम होता है। हाल ही में बेजोस ने बताया था कि वह अरबों डॉलर की अपनी वेल्थ का एक बड़ा हिस्सा
चैरिटी के लिए देने की योजना बना रहे हैं। दुनिया के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति बेजोस की संपत्ति 124 अरब डॉलर से अधिक होने का अनुमान है। उनकी डोनेशन में से क्लाइमेट चेंज से निपटने की कोशिशों पर बड़ा खर्च किया जाएगा।