WhatsApp यूजर्स पर साइबर अपराधियों की नजर बुरी नजर है।
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WhatsApp यूजर्स पर साइबर अपराधियों की नजर बुरी नजर है, क्योंकि हैकर्स प्लेटफॉर्म और एप्पल डिवाइसेज में कई सिक्योरिटी खामियों का फायदा उठाकर टारगेट कर रहे थे। WhatsApp ने एक साइबर जासूसी या हैकिंग कैंपेन का खुलासा किया है। कथित तौर पर सिविल सोसाइटी एक्टिविस्ट पर खास टारगेट था। मेटा के स्वामित्व वाली इस कंपनी ने एक स्टेटमेंट में कहा कि उसने उन दिक्कतों को दूर कर दिया है जिनका उपयोग हैकर खास यूजर्स पर अटैक करने के लिए करते थे। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
WhatsApp ने एक स्टेटमेंट में कहा कि iOS के लिए वॉट्सऐप v2.25.21.73 से पहले, iOS के लिए वॉट्सऐप बिजनेस v2.25.21.78 और मैक के लिए वॉट्सऐप v2.25.21.78 में लिंक किए गए डिवाइस सिंक्रोनाइजेशन मैसेज का अधूरा ऑथोराइजेशन किसी अंजान यूजर्स को टारगेट डिवाइस पर अपने URL से कंटेंट की प्रोसेसिंग शुरू करने की सुविधा प्रदान कर सकता था।
वॉट्सऐप ने सिक्योरिटी ब्रीच का खुलासा करते हुए बताया गया कि हैकर्स ने बहुत सी कमियों का पता लगाया और उसका उपयोग करके उन्हें वॉट्सऐप पर अटैक करने में मदद मिली, जिससे वॉट्सऐप की ऐप और Apple डिवाइस दोनों पर खतरा मंडराया। कंपनी ने साइबर अटैक के बारे में ज्यादा खुलासा किए बिना कहा कि हमारा मानना है कि इस कमी का Apple प्लेटफॉर्म पर ऑपरेटिंग सिस्टम स्तर की कमजोरी (CVE-2025-43300) के साथ कॉम्बिनेशन करके खास यूजर्स के खिलाफ एक अटैक में फायदा उठाया गया हो सकता है।
दुनिया भर में करीब 200 यूजर्स की जासूसी के दौरान सुरक्षा खतरे में पड़ गई। एमनेस्टी इंटरनेशनल की सिक्योरिटी लेब का कहना है कि सिविक ऑर्गेनाइजेशन पर भी खतरा हो सकता है। एमनेस्टी इंटरनेशनल की सिक्योरिटी लेब के हेड डोन्चा ओ सेरबैल ने कहा कि सिविक ऑर्गेनाइजेशन के मेंबर भी इस सर्विलांस ऑपरेशन से प्रभावित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि वॉट्सऐप ने उन लोगों को नोटिफिकेशन भेजकर खतरे की जानकारी भी दी, जिनके बारे में उनका मानना है कि बीते 90 दिनों में उन्हें एक एडवांस स्पाइवेयर कैंपेन का निशाना बनाया गया था।
X पर ओ सेरबैल की एक पोस्ट के अनुसार, शुरुआती संकेत यही हैं कि वॉट्सऐप का अटैक आईफोन और एंड्रॉइड दोनों तरह के यूजर्स खासतौर पर सिविक सोसाइटी के लोगों को प्रभावित कर रहा है। Apple की यह खामी एक कोर इमेज लाइब्रेरी में थी और लोगों को सलाह दी गई कि वे अपने डिवाइसेज को अपडेट रखें और इस तरह के अटैक से बचाव के लिए iOS लॉकडाउन मोड या एंड्रॉइड के एडवांस्ड प्रोटेक्शन मोड को ऑन रखें।
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