आज के समय में स्मार्टफोन हमारे डेली के कार्यों जैसे कि दोस्तों या परिवार से बात करने के अलावा, ऑनलाइन बैंकिंग, संवेदनशील जानकारी स्टोर करना, दोस्तों और परिवार की फोटो क्लिक करना और क्विक पेमेंट करना आसान बनाते हैं। हालांकि, फोन ने हमारी जिंदगी तो आसान बना दी है, लेकिन इनमें हमारी बेहद कीमती जानकारी होती है, जो कि डेटा चोरी करने वालों को आकर्षित करती है।
Google ने आपके फोन और डेटा की सिक्योरिटी के लिए एडवांस थेफ्ट सिक्योरिटी फीचर्स का नया सेट पेश किया है। ये फीचर्स इस साल के आखिर तक Google Play सर्विस के अपडेट के जरिए एंड्रॉयड 10+ वाले डिवाइसेज पर उपलब्ध होंगी, कुछ फीचर्स Android 15 में भी शामिल होंगे।
चोरी होने से पहले रोकथाम के लिए बेहतर डिवाइस और डेटा सिक्योरिटी
नए और बेहतर सिक्योरिटी फीचर्स के साथ चोरी से बचाव के लिए आपके डिवाइस की सिक्योरिटी को मजबूत करने के लिए ये फीचर्स चोरों को चोरी करने से पहले दो बार सोचने पर मजबूर कर देंगे।
फैक्टरी रीसेट अपग्रेड: फैक्टरी रीसेट अपग्रेड से चोरों द्वारा रीसेट से बचाव होता है। अधिकतर चोर फोन चोरी करने के बाद उसे तुरंत रीसेट करते हैं और फिर से बेच देते हैं। मगर एंड्रॉइड की फैक्टरी रीसेट सिक्योरिटी के अपग्रेड के साथ इसे और अधिक कठिन बना दिया गया है। इस अपग्रेड के साथ अगर कोई चोर चोरी हुए डिवाइस को रीसेट करने की कोशिश करता है तो वे आपके डिवाइस या Google अकाउंट के क्रेडेंशियल्स को जाने बिना इसे दोबारा सेट नहीं कर पाएगा। इससे चोरी की घटनाओं में कमी आएगी।
प्राइवेट स्पेस छिपाता है आपकी संवेदनशील ऐप्स: आमतौर पर कुछ चोर सिर्फ डिवाइस चाहते हैं, लेकिन कुछ फोन से जरूरी डाटा की चोरी करके पैसा निकालने का प्रयास करते हैं। प्राइवेट स्पेस एक नई सुविधा है जो आपको अपने फोन में एक अलग स्पेस बनाने की सुविधा देता है जिसे आप छिपा सकते हैं और एक अलग पिन के साथ लॉक कर सकते हैं। इससे आपकी निजी जानकरी जैसे कि हेल्थ या फाइनेंशियल जानकारी सुरक्षित रह सकती है।
डेटा की सिक्योरिटी के लिए संवेदनशील डिवाइस सेटिंग्स बदलने के लिए स्टेप्स: फाइंड माई डिवाइस को डिसेबल करने या स्क्रीन टाइमआउट को बढ़ाने के लिए अब आपके पिन, पासवर्ड या बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की जरूरत होती है। इससे जो अपराधी आपके डिवआइस को ऑनलाइन अनलॉक या अनट्रैकेबल रखा चाहते हैं उन्हें सिक्योरिटी की एक और लेयर को पार करना होगा।
सिक्योरिटी के लिए ऑथेंटिकेशन में बढ़ावा: नए ऑथेंटिकेशन चालू होने पर गूगल अकाउंट और डिवाइस सेटिंग्स तक पहुंचने और बदलने के लिए बायोमेट्रिक्स की जरूरत होगी, जैसे कि आपका पिन बदलना, डिसेबलिंग थेफ्ट प्रोटेक्शन या पासकी को पार करना आदि।